कितना खट्टामीठा होता है शादी का बंधन: बता रहीं हैं लाइका अरोड़ा खान

कभी दोस्त, कभी हमराज, कभी प्यार बनकर तमाम नखरे दिखाता है तो कभी दीवाना बना देता है अपनी मीठी शरारतों से...। मुश्किल में ढाल बनकर खड़ा रहने वाला, जिंदगी की हर लड़ाई में साथ जीतने का जज्बा पैदा करने वाला है यह बंधन। चाहे लाख शिकायत कर लें, शादी है सबसे हसीन, मुबारक और अलहदा रिश्ता...

कमाल की बात है छोटी-छोटी बातों पर अरबाज और मेरी तकरार हो जाती है, लेकिन जब एक-दूसरे की जरूरत होती है तो उन बातों को पूरी तरह भूलकर हम फिर से एक हो जाते हैं। नहीं पता क्या है इसका राज... पर शादी इसी का नाम है... कहती हैं अभिनेत्री मलाइका अरोड़ा खान। जितनी नजर, जितने अनुभव शादी का एक नया रूप सामने आता है। कुछ शादी को व्यक्तिगत विकास में बाधक और आजादी पर भारी मानते हैं तो कई इस लड्डू को खा भी लेते हैं और खा लेने के बाद दुखी भी हो जाते हैं! पर बात शादी की नहीं, रिश्ते की है, जो कभी सीधी लकीर नहीं होती। रिश्ता मांगता है समर्पण, परवाह और हमारा एक और प्रयास।

रिश्ता है सदा के लिए
शादी एक ऐसा रिश्ता है, जिसे घोषित रूप से उम्र भर के लिए जोड़ा जाता है। बहुत पुरानी संस्था, जो समाज को सम्यक रूप से चला रही है। आमतौर पर अच्छे दांपत्य संबंधों को हम अपने या एशियाई देशों की धरोहर मानते हैं, परंतु अच्छी बात, परंपराओं का पूरी दुनिया खुले मन से स्वागत करती है। चुनावी उम्मीदवार की छवि भी उसके पारिवारिक रिश्ते से जोड़ी जाती है। हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जब अपनी जीत का श्रेय पत्नी को दिया तो सोशल साइट्स पर शेयर किए गए उनकी फोटो को आपस में शेयर करने की होड़-सी लग गई। अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा हों या फिर भारत रत्न सचिन तेंदुलकर, परिवार के साथ जब वे छुट्टियां मनाते हैं तो उनकी फोटो लोग निहारते नहीं थकते और तो और उनकी शादीशुदा जिंदगी को खुशहाली का पैमाना मानते हैं। समाजशास्त्री रितु सारस्वत कहती हैं, 'शादी तमाम तरह के तनाव और कठिनाइयों के बीच सबसे बड़ा 'स्ट्रेस बस्टर- है। परिवार जीवन के हर मोड़ पर आपका संबल बनता है और परिवार को बनाने में शादी की सबसे बड़ी भूमिका है।- रितु के मुताबिक, 'इस संस्था का महत्व जीवन के अंतिम वर्षों में पता चलता है, जब आप सारी जिम्मेदारियों से निजात पा लेते हैं। बच्चे अपनी-अपनी दुनिया में पंछी की तरह लौट जाते हैं, लेकिन साथी बना रहता है, उसी आस्था से, उसी समर्पण भाव से आपके साथ।-

समझ में शामिल हो जाए
मुक्केबाज सरिता देवी संघर्षों में पली-बढ़ीं। जीवन की मुश्किलों से उबरने का सूत्र उन्हें मां से मिला तो पति का साथ हर मुसीबत में ढाल बनकर खड़ा रहा। एशियन गेम्स के दौरान पदक लौटाते समय जब वह फफक कर रो पड़ीं तो मन के इस ज्वार ने उनके उत्साह को ठंडा कर दिया। ऐसे हालात में पति की गर्म हथेलियों ने मरहम का काम किया और वह जल्द ही इस उफान से उबर गईं। वह कहती हैं, 'मेरे पति मेरे मैनेजर भी हैं और बॉडीगार्ड भी। यह बॉडीगार्ड खास है, जो तन के साथ-साथ मन की भी बखूबी चिंता करता है। खरोंच तक नहीं आने देना चाहता। दरअसल, वे मुझे समझते हैं और मैं उन्हें।- रिलेशनशिप काउंसलर अनु गोयल के मुताबिक, 'पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत भी होता है और नाजुक भी। इसकी मजबूती निर्भर है साथी के साथ आपके तालमेल पर। जितना आप उन्हें समझेंगे, परवाह करेंगे, स्वीकार करेंगे, उतना ही फलेगा यह खूबसूरत रिश्ता।-

डर बड़ी चीज है
बीवी से डरने की बात मजाक के तौर सब कहते हैं, पर वास्तव में यह गंभीर मसला है। पति-पत्नी से डरता है तो ऐसी कई चीजें हैं, जो पत्नियां पति की बिना इजाजत करें तो ऐसा करने से पहले हजार बार सोचती हैं। आशंका रहती है कि कहीं साथी बुरा न मान जाए, उसके दिल को ठेस न लगे। शादीशुदा जोड़ी इस डर, ऐसी आशंकाओं के राज बखूबी जानती है...। ज्यादा समय नहीं बीता जब अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने अपनी सबसे बड़ी कमजोरी सिगरेट की लत को अपनी पत्नी के डर से छोडऩे की बात कही थी। दुनिया में शोर मचा, मजाक हुआ कि ओबामा भी डरते हैं पत्नी से! सच कहा जाए तो यह डर नहीं है। यह है आपसी विश्वास और अंडरस्टैंडिंग, जो बराक ओबामा और मिशेल में कदम-कदम पर दिखती है। मिशेल उनका हौसला हर स्तर पर बढ़ाती रहती हैं। उनकी आंखों में भी यह भाव झलकता रहता है, पर दांपत्य जीवन में यह तालमेल तभी हो सकता है, जब दोनों के भीतर एक-दूसरे के प्रति सम्मान हो। दोनों में से कोई अगर दूसरे को अपने से हीन समझता है तो शायद ऐसी अंडरस्टैंडिंग नहीं बन पाएगी। यह वह राज है, जो शादी की पहली शर्त है। ये शर्तें हों तो शादी कभी बंदिश नहीं लग सकती।

सपोर्ट का करें सम्मान
हम दोनों दिनभर बिजी रहते हैं। घर में सपोर्ट सिस्टम अच्छा है तो हमारी गाड़ी चलती रहती है। शादी-शुदा जिंदगी की गाड़ी को चलाने में जर्क न आए, ऐसा हो नहीं सकता। दोनों अलग-अलग इंसान हैं, विचार अलग-अलग होंगे तो जर्क आएगा ही। कुछ छोटी-छोटी बातें हैं, जिनकी वजह से आप तकरार के बाद के तनाव से बच सकते हैं। जैसे, अपनी अपेक्षाओं को व्यावहारिक रखें। साथी की परेशानियों को भी समझने का प्रयास करें। उसे अपनी नजर से देखने के बजाय उसकी नजर से देखने की आदत डालें। यदि वह घर की जिम्मेदारियां नहीं समझ पा रहे और आपको लगता है कि साथ नहीं दे पा रहे तो उसके सहयोग की जरूरत क्यों है? इसे समझाने का प्रयास करें। मन में कोई बात न रखें। केयर करने के साथ-साथ शेयर करें। एक-दूसरे के साथ को एंजॉय करना जरूरी है। साथी आपको सपोर्ट कर रहा है तो इसे 'टेकेन फॉर ग्रांटेड- लेने की भूल न करें। उसके सपोर्ट का सम्मान करेंगे तो आपका रिश्ता हमेशा खिला रहेगा।

बराबरी का रिश्ता
शादी की शुरुआत अथाह प्यार व भविष्य में रंग भरने वाले सपनों से होती है। समय के साथ जब पारिवारिक जिम्मेदारियां आती हैं तो इसके बोझ से कपल्स को व्यावहारिक धरातल पर खड़ा होना पड़ता है। यह एक कड़वा अनुभव है, लेकिन यही सच है। इस सच को जितनी जल्दी स्वीकार कर लें शादीशुदा जिंदगी के लिए अच्छा होता है। अलग-अलग पृष्ठभूमि, मिजाज वाले दो इंसान तभी उम्रभर साथ रह सकते हैं, जब बराबरी का रिश्ता हो। घर-बाहर हर मोर्चे पर एक-दूसरे का साथ दें।

शिष्टाचार की ताकत
कुछ टिप्स जिन्हें अपनाकर शादी की खूबसूरती बढ़ाई जा सकती है।
- अच्छे श्रोता बनें, एक-दूसरे की भावनाओं की कद्र करें।
- बोलने से कड़वाहट पैदा हो तो कुछ क्षण चुप्पी अपना लें। ताने या अशिष्ट शब्दों का प्रयोग न करें।
- एक दूसरे के माता-पिता को समान रूप से सम्मान दें।
- अपनी इच्छाओं को दबाएं नहीं, व्यक्त करें, मगर एक दूसरे पर थोपें नहीं।
- कभी भी एक दूसरे के अतीत को न कुरेदें। आपका भविष्य ज्यादा महत्व रखता है। कल आप क्या थे, इस पर झगडऩा बेवकूफी है।
प्यार को हो जाने दो

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