किसी के लिए साइकिल ट्रांसपोर्ट का जरिया, किसी के लिए फिटनेस तो किसी के लिए खिलौना तो किसी के लिए स्पोर्ट्स। ट्रांसपोर्टेशन के दुनिया में साइकिल एक क्रांतिकारी अविष्कार है जिसका इतिहास काफी पुराना है।
ऐसा माना जाता है कि करीब 200 साल पहले यानी 1817 में जर्मनी के बैरन फॉन ड्रेविस ने साइकिल की रूपरेखा तैयार की। यह लकड़ी की बनी साइकिल थी, जिसका नाम ड्रेसियेन रखा गया था। इसके बाद साइकिल में कई सुधार हुए। 19वीं शताब्दी के खत्म होते-होते जॉन केम्प स्टारली ने क्लासिक साइकिल का अविष्कार किया जो चेन से चलने वाली पहली साइकिल थी और 20वीं शताब्दी के शुरुआत में साइकिल ट्रांसपोर्ट का जरिया बन गया लेकिन साइकिल में इनोवेशन रूका नहीं।
समय के साथ साइकिल में भी कई इनोवेशन हुए और आज हम 21वीं सदी के सबसे आधुनिक और एयरोडायनमिक साइकिल को आपके सामने पेश कर रहे हैं और इसे ताइवान की कंपनी जाइंट ने बनाया है। आप इसकी कीमत भी जान लीजिए और ये साइकिल 10.60 लाख रुपए की है।
इस प्रोपेल साइकिल का नाम दुनिया की सबसे तेज रफ्तार से चलने वाली साइकिलों में आता है। जिसे रेसिंग के लिए बनाया गया है और मकसद सिर्फ एक, रेस जीतना। यहां जिस साइकिल का जिक्र हो रहा है उसका नाम प्रोपेल एडवांस जीरो है। इसके फ्रेम का डिजाइन इस तरह से किया गया है कि एयरोडायनमिक राइड के साथ पैडल पर दबाव आते ही पहियों में रफ्तार आ जाए। इसके लिए ताइवान की कंपनी जाइंट ने कई सालों के रिसर्च के बाद इसे कंपोजिट मेटेरियल से बनाया है।
कंपनी ने प्रोपेल एडवांस में कार्बन नैनोट्यूब टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है जो वजन में हल्का होने के साथ मजबूत है। इसी वजह से इस साइकिल का वजह 7 किलोग्राम से भी कम है जिसमें पैडल शामिल नहीं है। जाइंट के डिजाइनरों ने सीट से लेकर टायर को रफ्तार को ध्यान में रख कर बनाया है।
विंड टनेल टेस्ट में भी ये जाइंट की प्रोपेल एडवांस अपने सेगमेंट में सबसे आगे है। इसमें शिमानो कंपनी के गियर शिफ्टर और गियर सिस्टम लगे हैं जो इलेक्ट्रॉनिकली कंट्रोल होते हैं। रफ्तार के मामले में मत पूछिए, रेसिंग ट्रैक पर जितना पैडल चलाएंगे उतनी तेज रफ्तार से भागने की क्षमता रखती है। तो आपको कैसी लगी दुनिया की सबसे मंहगी साइकिल। इस ब्रांड को भारत में लाया है पुणे की स्टार्केन स्पोर्ट्स कंपनी ने।