दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 16 कॉलेज सूबे की सरकार से टकराने की तैयारी में है। प्रबंधन और शिक्षक दिल्ली सरकार द्वारा इन कॉलेजों में नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक को लेकर विरोध कर रहे हैं। शिक्षक 27 अप्रैल को डीयू से दिल्ली सचिवालय तक विरोध-प्रदर्शन करेंगे। इसमें प्रमुख शिक्षक संगठन भी शामिल होंगे।
डीयू के शिक्षक संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने गत दिनों हुई बैठक में अपने एजेंडे में इस मुद्दे को प्रमुखता से रखा था। संगठन का कहना है कि सरकार नियुक्तियों पर से रोक हटाए। दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन भी नियुक्तियों को लेकर बहुत सजग नहीं दिख रहा है।
नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के प्रवक्ता डॉ. प्रमोद शास्त्री का कहना है कि दिल्ली सरकार 16 कॉलेजों को मात्र 5 फीसद अनुदान देती है। ऐसा लगता है जैसे उसने कॉलेजों को खरीद लिया है। इस सरकार का रुख विशुद्ध जमीदारों वाला है। डीयू कुलपति पिछले पांच साल से शिक्षकों का जो अहित कर रहे थे, सरकार नियुक्ति प्रक्रिया रोककर उनके इस काम को आगे बढ़ा रही है। डीयू में शिक्षकों की कमी है। सरकार का रवैया शिक्षक और छात्र हित के खिलाफ है।
एकेडमिक फॉर एक्शन एंड डेवलपमेंट के अध्यक्ष डॉ. आदित्य मिश्रा का कहना है कि यह दिल्ली विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है कि वह तत्काल कॉलेजों में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करे। गवर्निग बॉडी के पास कई अधिकार हैं। दिल्ली सरकार के पत्र का कोई औचित्य नहीं है। हम दिल्ली सरकार के इस कदम की निंदा करते हैं।
दिल्ली सरकार से 5 फीसद अनुदान पाने वाले कॉलेज
-शिवाजी कॉलेज
-मोतीलाल कॉलेज
-लक्ष्मीबाई कॉलेज
-शहीद भगत सिंह कॉलेज
-मैत्रेयी कॉलेज
-एसपीएम कॉलेज फॉर वुमन
-सत्यवती कॉलेज
-विवेकानंद कॉलेज
-राजधानी कॉलेज
-कमला नेहरू कॉलेज
-गार्गी कॉलेज
-स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज