जानिए जनेऊ पहनने के 7 फायदे

भारतीय संस्कृति में यज्ञोपवीत यानी जनेऊ धारण करने की परंपरा वैदिक काल से ही चली आ रही है. 'उपनयन' की गिनती सोलह संस्कारों में होती है. पर आज के दौर में लोग जनेऊ पहनने से बचना चाहते हैं. नई पीढ़ी के मन में सवाल उठता है कि आख‍िर इसे पहनने से फायदा क्या होगा?

जनेऊ केवल धार्मिक नजरिए से ही नहीं, बल्कि सेहत के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद है. जनेऊ पहनने के फायदों की यहां संक्षेप में चर्चा की गई है.

1. जीवाणुओं और कीटाणुओं से बचाव
जो लोग जनेऊ पहनते हैं और इससे जुड़े नियमों का पालन करते हैं, वे मल-मूत्र त्याग करते वक्त अपना मुंह बंद रखते हैं. इसकी आदत पड़ जाने के बाद लोग बड़ी आसानी से गंदे स्थानों पर पाए जाने वाले जीवाणुओं और कीटाणुओं के प्रकोप से बच जाते हैं.  

2. तन निर्मल, मन निर्मल
जनेऊ को कान के ऊपर कसकर लपेटने का नियम है. ऐसा करने से कान के पास से गुजरने वाली उन नसों पर भी दबाव पड़ता है, जिनका संबंध सीधे आंतों से है. इन नसों पर दबाव पड़ने से कब्ज की श‍िकायत नहीं होती है. पेट साफ होने पर शरीर और मन, दोनों ही सेहतमंद रहते हैं.

3. बल व तेज में बढ़ोतरी
दाएं कान के पास से वे नसें भी गुजरती हैं, जिसका संबंध अंडकोष और गुप्तेंद्रियों से होता है. मूत्र त्याग के वक्त दाएं कान पर जनेऊ लपेटने से वे नसें दब जाती हैं, जिनसे वीर्य निकलता है. ऐसे में जाने-अनजाने शुक्राणुओं की रक्षा होती है. इससे इंसान के बल और तेज में वृद्ध‍ि होती है.

4. हृदय रोग व ब्लडप्रेशर से बचाव
रिसर्च में मेडिकल साइंस ने भी पाया है कि जनेऊ पहनने वालों को हृदय रोग और ब्लडप्रेशर की आशंका अन्य लोगों के मुकाबले कम होती है. जनेऊ शरीर में खून के प्रवाह को भी कंट्रोल करने में मददगार होता है.

5. स्मरण शक्ति‍ में इजाफा
कान पर हर रोज जनेऊ रखने और कसने से स्मरण शक्त‍ि में भी इजाफा होता है. कान पर दबाव पड़ने से दिमाग की वे नसें एक्ट‍िव हो जाती हैं, जिनका संबंध स्मरण शक्त‍ि से होता है. दरअसल, गलतियां करने पर बच्चों के कान ऐंठने के पीछे भी मूल मकसद यही होता था.

6. मानसिक बल में बढ़ोतरी
यज्ञोपवीत की वजह से मानसिक बल भी मिलता है. यह लोगों को हमेशा बुरे कामों से बचने की याद दिलाता रहता है. साथ ही ऐसी मान्यता है कि जनेऊ पहनने वालों के पास बुरी आत्माएं नहीं फटकती हैं. इसमें सच्चाई चाहे जो भी हो, पर केवल मन में इसका गहरा विश्वास होने भर से फायदा तो होता ही है.

7. आध्यात्म‍िक ऊर्जा की प्राप्त‍ि
जनेऊ धारण करने से आध्यात्म‍िक ऊर्जा भी मिलती है. ऐसी मान्यता है कि यज्ञोपवीत में प्रभु का वास होता है. यह हमें कर्तव्य की भी याद दिलाता है.

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