इंदिरा गांधी के हाथा लॉटरी में मिली मारूति 800 कंडम हो गई

नई दिल्ली। आपको शायद ही पता हो कि भारत में नंबर वन कार मेकर बन चुकी कंपनी मारूति की पहली मारूति 800 कार किसने खरीदी थी। आपको बता दें कि यह कार आज भी मौजूद है। इस को लेने वाले पहले भारतीय बने हरपाल सिहं थे जो किसी सेलीब्रिटी के तरह मशहूर हुए थे। उनको इस कार की चाबी पूर्व प्रधानीमंत्री स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी ने अपने हाथों से सौंपी थी। लेकिन आज यह कार धूल-मिट्टी में सनी हुई एक कोने में पड़ी है।
2010 में हो गया था

 मालिका का स्वर्गवास
2010 में हरपाल सिंह और उसके कुछ समय बाद उनकी पत्नी का स्वर्गवास हो गया। जिसके बाद से आज तक यह कार धूल-मिट्टी में सनी हुई उनके घर के एक कोने में पड़ी हुई है। हरपाल सिंह के दो बेटिंया है जो अपने ससुराल में रहती है, हालांकि इसके बाद उनके बड़े दामाद तेजिंदर अहलूवालिया ने कई बार इसे चलाया है। लेकिन पिछले डेढ साल से यह बिल्कुल बंद पड़ी है।

राजीव गांधी ने लगा लिया था गले
आपको बता दें कि इस पहली Maruti 800 की बिक्री लॉटर के आधार पर गुड़गांव में निकाली गई थी। अहलूवालिया के मुताबिक इस मौके पर इंदिरा गांधी और राजीव गांधी समेत कई बड़ी हस्तियां मौजूद थी। जैसे ही लॉटरी में कार हरपाल के नाम निकली तो राजीव गांधी ने खुशी के मारे उछलकर उन्हे गले लगा लिया था। इस कार को उन्होंने अपने आखिरी पड़ाव तक एकदम अच्छी मेंटीनेंस करके रखा हुआ था।

कंपनी भी नहीं ले रही सुध-
भारत में नंबर वन कार बनाने और बेचने वाली कंपनी बन चुकी Maruti Suzuki के लिए एक तरह से माना जाए तो DIA 6479 नंबर वाली यह मारूति 800 एक आईकॉन है। अहलूवालिया के मुताबिक कंपनी 2008 में अपने 25 साल पूरे होने पर किए गए सेलीब्रेशन में आईकॉन के तौर पर डिस्पले के लिए लेकर गई थी। हरपाल सिंह के स्वर्गवास के बाद से अब तक कंपनी ने इसकी सुध नहीं ली। इस ऎतिहासिक मारूति 800 को लेकर अहलूवालिया ने मारूति-सुजुकी को लगभग दो साल पहले पत्र भी लिखा था, लेकिन कंपनी ने कोई रूचि नहीं दिखाई। हालांकि खबर है कि कंपनी के एक प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि हरपाल सिंह की फेमिली इस कार को बेचना चाहे तो कंपनी इस बारे में बातचीत कर सकती है।



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