अगर ऑफिस में आपकी महिला बॉस है तो आपके प्रमोशन के चांस कम हो जाते हैं. एक शोध में पाया गया है कि महिला बॉस की मौजूदगी में कंपनी दूसरी महिला को प्रमोशन नहीं देती है.
शोधकर्ताओं ने पाया है कि कंपनी टॉप पोस्ट में एक महिला को नियुक्त करने के लिए बहुत मेहनत करती है, लेकिन इस नियुक्ति के बाद अन्य महिलाओं के प्रमोशन के मौके घट जाते हैं.
स्ट्रैटेजिक मैनेजमेंट जर्नल में साल 1991 से 2011 के टॉप 1500 कंपनियों पर किए शोध का विश्लेषण छप गया है. यूनिवर्सिटी ऑफ मैरिलैंड के प्रोफेसर क्रिस्टीयन डेज कहते हैं, 'जब एक कंपनी में आपकी बॉस कोई महिला है तो आपके प्रमोशन के चांस कम हो जाते हैं. एक शोध में पाया गया है कि महिला बॉस की मौजूदगी में दूसरी महिला को प्रमोशन नहीं देती है. तब उसी कंपनी में अच्छे पद के लिए दूसरी महिला के मौके घटते हैं. ये मौके लगभग 50 फीसदी तक घट जाते हैं.'
उन्होंने कहा, 'हमें लगता था कि महिला को अच्छे पद पर नियुक्त करके दूसरी महिलाओं के रास्ते भी खुल जाते हैं, लेकिन शोध में इससे उल्टा ही देखने को मिला. जब एक कंपनी अच्छे पद पर महिला को नियुक्त कर लेती है तो यह सोचकर निश्चिंत हो जाती है कि हम दूसरी कंपनियों के मुकाबले आगे हैं.'
शोध में ये भी सामने आया है कि अगर किसी कंपनी की सीईओ कोई महिला है तो उस कंपनी की स्थिति अन्य महिलाओं के लिए बेहतर होती हैं, बजाय की उन कंपनियों के जहां कई सीनियर पोस्ट पर महिलाएं होती हैं.
ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिक्स के सैम्पल के आंकड़ों में साल 2011 में मैनेजर पद पर 8.7 प्रतिशत महिलाएं थीं. ये आंकड़ा साल 2000 से कहीं बेहतर था, तब उच्च पद पर 5.8 प्रतिशत महिलाएं ही थीं. शोध में शोधकर्ताओं ने ये भी पाया कि कंपनी के पुरुष टॉप पोस्ट पर एक महिला को रखकर ये सोचते हैं कि कंपनी का प्रतिनिधित्व करके एक ही महिला मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए काफी है.