पहली बार गुत्थी बनी मर्द

मशहूर कॉमेडी किरदार 'गुत्थी' के नाम से फेमस हो चुके अभिनेता सुनील ग्रोवर को हाल ही में 'दादा साहेब फाल्के अकैडमी' पुरस्कार से नवाजा गया है और इस अवॉर्ड समारोह में उनसे खास बातचीत के पेश हैं कुछ अंश:

दादा साहेब फाल्के अकैडमी अवॉर्ड आपके लिए कितना अहमियत रखता है? 
मेरे लिए इस वक्त हर एक अवॉर्ड अहमियत रखते हैं और यह बहुत ही विशेष अवॉर्ड है. दादा साहेब जिन्होंने चलचित्र की शुरुआत की तो उनके नाम का अवॉर्ड बहुत खास है मेरे लिए, मैं धन्यवाद करता हूं इस अवॉर्ड के लिए.

कभी गुत्थी , कभी कपिल के ससुर जी बनते हुए आप सबसे ज्यादा किस किरदार को पसंद करते हैं? 
मैं खुद ही काफी कंफ्यूज हूं, मुझे समझ ही नहीं आता मेरा किरदार क्या है, हर रोज कोई ना कोई किरदार निभाता रहता हूं, लेकिन मेरा फेवरिट है जब मैं मिमिक्री करता हूं. मैं जब किसी भी किरदार को गंभीरता से अदा करता हूं तो वो लम्हा मेरे लिए काफी खास हो जाता है.

आज अवॉर्ड मिलने के बाद आप क्या करने वाले हैं? 
(हंसते हुए) मैं आज पनीर की सब्जी खाऊंगा.

इतने कम समय में आपको इस अवॉर्ड से नवाजा गया है, आपने कभी सोचा था की ऐसा मौका आएगा?
मैं खुद को काफी भाग्य वाला मानता हूं की मुझे ये सम्मान दिया गया है, इतने कम समय में इतनी बड़ी उपलब्ध‍ि पाकर सच में काफी लकी हू मैं.

आप 'गब्बर इज बैक' में पुलिस के किरदार में नजर आने वाले हैं?
जी, मैं पहली बार किसी आदमी के रोल में नजर आऊंगा (हंसते हुए), तो मुझे नर्वसनेस है. फिल्म में मेरा कॉमेडी रोल तो नहीं लेकिन महत्वपूर्ण किरदार है आशा है आप लोगों को पसंद आएगा.

किसी की बायोग्राफी करना चाहेंगे? 
बहुत सारी बायोग्राफी करनी है मुझे, पंजाबी कवि शिव कुमार बटालवी  का किरदार निभाना चाहूंगा.

लोग आपको गुत्थी बुलाते हैं आम जगहों पर भी, तो अजीब सा नहीं लगता? 
अजी लोग मुझे 'गुत्थी' बुलाएं या और कुछ, जब तक सुनील ग्रोवर के नाम का चेक आ रहा है तब तक मुझे कोई भी प्रॉब्लम नहीं है(हंसते हुए). लोगों का प्यार बस मिलते रहना चाहिए.
  




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