एक एक्टर जिसने कई दिन भूखेपेट गुजारे

मनोज बाजपेयी का नाम बॉलीवुड के सीनियर और दमदार एक्टर्स में शुमार होता है, लेकिन उनमें अब भी अच्छे किरदार निभाने की ललक बाकी है।

पिछले साल प्रकाश झा ने 12 फिल्मों के निर्माण की घोषणा की थी। इनमें से किसी में भी मनोज बाजपेयी का नाम न होने पर हैरत स्वभाविक थी। प्रकाश और मनोज को करीबी दोस्त माना जाता है।

मनोज के मुताबिक, 'लोगों को गलतफहमी है कि प्रकाश मेरे करीबी दोस्त हैं। वो मेरे सीनियर हैं। मैंने उनके साथ 'आरक्षण', 'चक्रव्यूह' और 'सत्याग्रह' जैसी फिल्में की हैं। अगर भविष्य में वो मुझे कोई रोल ऑफर करेंगे और वो मुझे पसंद आए तो निश्चित रूप से मैं उसे करूंगा। यह बिल्कुल जरूरी नहीं कि उनकी हर फिल्म में मैं काम करूं।'

मनोज आज हिंदी सिनेमा के स्थापित कलाकारों में से हैं लेकिन वो अपने संघर्ष के दौर को नहीं भूले हैं। वो कहते हैं, 'कुछ साल पहले जब मेरा करियर ग्राफ अच्छा नहीं चल रहा था तो मीडिया मुझसे मुंह फेर लेता था। मैंने बगैर खाए-पिए भी इस शहर में कई दिन गुजारे हैं। मेरा मानना है कि बुरा वक्त आपको बहुत कुछ सिखा जाता है। नाकामी सबसे अच्छी टीचर होती है। आज मेरी भूख अच्छे किरदारों को निभाने की है। मैं चाहता हूं कि जब मेरी सर्वश्रेष्ठ चार-पांच फिल्में चुनने की बारी आए तो ये मुश्किल काम हो।'

मनोज इन दिनों थ्रिलर फिल्म 'ट्रैफिक', 'सात उचक्के' में काम कर रहे हैं। तब्बू के साथ एक थ्रिलर फिल्म कर रहे हैं। फिलहाल शीर्षक फाइनल नहीं हुआ है। इसी के साथ मनोज 'फिल्मिस्तान' फेम शारिब हाशमी के साथ थ्रिलर फिल्म 'आदाब मैं दाऊद इब्राहीम बोल रहा हूं' की शूटिंग मई से शुरु करेंगे।

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