देश में हाइब्रिड व इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बुधवार को फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल (फेम) स्कीम की शुरुआत की। इसके तहत वर्ष 2020 तक देश में हर साल 60-70 लाख हाइब्रिड व इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री का लक्ष्य रखा गया है। सरकार इस स्कीम के मद में अगले दो साल में 795 करोड़ रुपए खर्च करेगी। चालू वित्त वर्ष 2015-16 में फेम स्कीम के तहत सरकार की तरफ से 260 करोड़ रुपए तो अगले वित्त वर्ष 2016-17 में 535 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई गई है। यह स्कीम गत एक अप्रैल से लागू मानी जाएगी।
स्कीम के तहत हाइब्रिड व इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में बढ़ोतरी के लिए चालू वित्त वर्ष में 155 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। अगले वित्त वर्ष में यह सब्सिडी राशि 340 करोड़ रुपए की हो जाएगी। वहीं चार्जिंग सेंटर स्थापित करने के लिए चालू वित्त वर्ष में 10 करोड़ रुपए तो अगले वित्त वर्ष में 20 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। प्रौद्योगिकी प्लेटफार्म के विकास पर वित्त वर्ष 2015-16 में 70 करोड़ रुपए तो अगले वित्त वर्ष में 120 करोड़ रुपए निवेश की योजना बनाई गई है। हर वाहन के लिए सब्सिडी की राशि भी अलग-अलग तय की गई है। सब्सिडी की राशि ग्राहकों को दी जाएगी और मैन्यूफैक्चरर्स मासिक आधार पर उस राशि को क्लेम करेंगे।
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स (सियाम) के साथ फेम स्कीम शुरू करते हुए भारी उद्योग व लोक उद्यम मंत्री अनंत गीते ने बताया इस स्कीम को फिलहाल सभी मेट्रो शहर, सभी राज्यों की राजधानी व 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में लागू किया गया है।
दोपहिया की खरीदारी पर न्यूनतम 1,800 तो अधिकतम 22,000 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। यह वाहन में बैट्री की क्षमता पर निर्भर करेगी।