मनाली-लेह मार्ग पर 16616 फीट की ऊंचाई पर स्थित लचुलुंगला के पास 22 मोड़ से गुजरने वाला हर वाहन चालक यहां के भूत मंदिर में पानी की एक बोतल जरूर चढ़ाता है। जो लोग पानी की बोतल नहीं चढ़ाते, उनके साथ अनहोनी हो जाती है। ऐसा हम नहीं गांव के लोग बताते हैं।
कहा जाता है कि इस जगह पर एक युवक की आत्मा दिन रात भटकती रहती है। यह आने जाने वाले हर वाहन चालक से बस पानी मांगती है। ऐसे दर्जनों लोग हैं जो इस आवाज को सुन भी चुके हैं। बिना पानी की बोतल चढ़ाए कोई यहां से आगे नहीं बढ़ता। लोग कहते हैं भूत इस मंदिर में मिनरल वाटर पीता है।
बताया जाता है कि आठ वर्ष पहले एक चालक-परिचालक ट्रक लेकर लेह जा रहे थे। सरचू से तकरीबन 35 किलोमीटर लचुलुंगला के पास 22 मोड़ में वाहन गिर गया। परिचालक उसकी चपेट में आ गया।
उधर, चालक घायल परिचालक को छोड़कर भाग गया। वहीं, कुछ लोग बताते हैं कि यह चालक दूर गांव में मदद के लिए गया मगर वापस लौटते काफी देर हो गई। उसी रात वहां से गुजर रहे एक अन्य चालक ने घायल परिचालक को देखा तो वह पानी के लिए चिल्ला रहा था।
जब तक वह पानी लाता उसकी मौत हो चुकी थी। बिना खाना पानी के उसे दर्दनाक मौत मिली थी। इसके बाद ही उसकी आत्मा यहां भटकने लगी। यहां से गुजरने वाले हर चालक-परिचालक को उसकी रूह का आभास होता और पानी-पानी चिल्लाने की आवाज सुनाई देती है।
बताया जाता है कि कंडक्टर की लाश को यहीं पर दफना दिया था। इसके बाद ही यहां अचानक डरावनी घटनाएं घटने लगी। आते जाते चालकों को एक लड़के की आत्मा डराने लगी। यह लड़का भी लोगों को दिखने लगा था। यह आते जाते चालकों से खाने के लिए सामान मांगता था। जो लोग उसे यह नहीं देते थे वह किसी न किसी हादसे का शिकार होने लगे। बाद में यहां पर मंदिर बना लिया गया।