घरों में बर्तन मांजती है गोल्ड मेडलिस्ट रिशु

हरियाणा। रिशु राज्य स्तरीय प्रतियोगिता की गोल्ड मेडलिस्ट है, लेकिन हाल ही आई मीडिया रिपोर्स के मुताबिक उन्हें अपना खर्च चलाने के लिए घरों में बर्तन और पौंछा का काम करना पड़ रहा है। रिशु घरों में बर्तन साफ करने, साफ सफाई और खाना बनाने के लिए मजबूर है।

कैथल के जाट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की दसवीं की छात्रा रिशु का मामला मीडिया में आने के बाद विज ने इसे गंभीरता से लेते हुए अपने विवेकाधीन कोष से एक लाख रुपए की तत्काल सहायता देने का एलान किया है ताकि वह अपना मुक्केबाजी का अभ्यास जारी रख सकें।

रिशु ने पिछले वर्ष अक्टूबर में राज्य स्तरीय मुक्केबाजी के जूनियर वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था और इसके बाद दिसम्बर में राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भी भाग लिया था। रिशु के पिता की कुछ माह पहले ही मौत हो चुकी है और उनकी मां भी मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण कुछ वर्ष पहले लापता हो गई थी। उसका एक भाई है जो एक किराने की दुकान पर काम करता है। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण रिशु घरों में बर्तन मांजने और साफ सफाई करने के लिए मजबूर है जिसके कारण उसका मुक्केबाजी का अभ्यास भी प्रभावित हो रहा है।

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