
दांतों से नाखून काटने या चबाने की आदत जिसे ऑनिकोफेजिया कहते हैं, लोगों की आम आदतों में शुमार है। जो लगभग हर उम्र के लोगों में देखी जा सकती है। विशेषज्ञ नेल बाइटिंग को लेकर कई सारे कारण बताते हैं जिनमें स्ट्रेस सबसे प्रमुख कारण माना गया है। या फिर एक जैसी आदत जो लोगों में बचपन से ही आ जाती है।
बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया
नाखूनों को बैक्टीरिया पनपने के प्रमुख स्थानों में से एक माना जाता है। जब आप नाखूनों को चबाते हैं तो ये बैक्टीरिया आसानी से आपके मुंह के अंदर चल जाते हैं और पूरे शरीर में फैल जाते हैं। यह आपकी उंगलियों की तुलना में दोगुने गंदे होते हैं, ऐसा मानना कि नाखूनों को साफ रखना मुश्किल काम है जिससे संक्रमण फैलने का खतरा और बढ़ जाता है।
नाखूनों का इन्फेक्शन
लगातार नाखून चबाने से उसके आस-पास इन्फेक्शन फैल जाता है। जब आप अपने नाखूनों को चबाते हैं तो बैक्टीरिया, यीस्ट और अन्य सूक्ष्मजीव टूटे-फूटे नाखूनों के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाते हैं जिससे नाखूनों के आस-पास सूजन, लालिमा और पस हो जाता है। इस तकलीफदेह स्थिति को सर्जरी के जरिए पस निकालकर ठीक किया जा सकता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट के अनुसार नाखूनों को चबाने से होने वाली सबसे आम समस्या बैक्टीरियल इन्फेक्शन है।
वार्ट्स की हो जाती है समस्या
जो लोग अक्सर अपने नाखूनों को चबाते हैं उनकी उंगलियों पर एचपीवी के कारण वार्ट्स की समस्या आम होती है। यदि कोई इसके बाद भी नाखूनों को चबाना जारी रखते हैं तो उनके मुंह और होंठ तक वार्ट्स फैल जाते हैं।
दांतों की बिगड़ती है हालत
जब हम मुंह बंद करते हैं तो ऊपर और नीचे के दांत इस प्रकार से एक कतार में होते हैं कि खाने को सही तरीके से चबा सकें। लेकिन जिन लोगों को नाखूनों को चबाने की आदत होती है उनके दांत अपनी सही पोजिशन से हट जाते हैं और समय से पहले ही उनके गिरने का खतरा रहता है।
असंतुलित जिंदगी
जिन लोगों को नाखून चबाने की आदत अनियंत्रित रूप से रहती है उनकी जिंदगी उन लोगों की तुलना में काफी अधिक असंतुलित रहती है जो ऐसा नहीं करते हैं। यह स्तर नाखून काटने की बढ़ती आदतों के साथ बढ़ता जाता है। यदि खुद को नाखून चबाने से रोकते हैं तो उससे तनाव महसूस होता है, नाखून काटने का नकारात्मक प्रभाव जीवन की गुणवत्ता पर भी पड़ता है।
ट्रिगर्स को पहचानें
नेल बाइटिंग के ट्रिगर्स को पहचानें, जैसे बोरियत, टेलीजिवन देखना। इस दौरान अपने हाथों को बैंड या इलेक्ट्रिक टेप से बांधकर रखें।
अपनाएं कुछ उपाय
नाखूनों को हमेशा छोटे रखें या मेनीक्योर करवाएं।
अपने हाथों को कुछ एक्टिविटी में व्यस्त रखने की कोशिश करें जैसे सिलाई, बुनाई।
नेल बाइटिंग की आदत को दूर करने के लिए बिहेवियरल थैरेपी का भी सहारा ले सकते हैं।
उंगलियों पर कुछ ऐसे तत्व डालें जो आपकी जीभ के लिए अच्छे ना हों जैसे विनेगर, हॉट सॉस या कुछ अन्य प्रकार के खट्टे स्वाद।