कंगना रनौत के साथ आज इंडस्ट्री का हर बड़ा डायरेक्टर-प्रड्यूसर काम करना चाहता है, लेकिन कंगना के लिए वक्त हमेशा से ऐसा नहीं था। वह बताती हैं कि पहले वह सिर्फ मुंबई शहर में रहने तक के लिए रोल साइन कर लेती थीं। आइए जानें, अपने फिल्मी सफर के बारे में क्या कहती हैं कंगना:
अच्छी ऐक्ट्रेस कहलाना अलग बात है। मुझे मेरी पहली फिल्म 'गैंगस्टर' से ही टैलंटेड मान लिया गया था, लेकिन नैशनल अवॉर्ड की बात ही खास होती है। यह कोई टीआरपी के लिए नहीं दिया जाता और न ही यह कोई आइटम नंबर है। इसमें रीज़नल सिनेमा भी शामिल होता है, जिससे मुकाबला टफ हो जाता है। इसलिए मैं इस अवॉर्ड की बहुत इज्जत करती हूं। किसी के लिए भी इसे पाना गौरव की बात है। बहुत खुश हूं।
हिम्मत कभी नहीं हारी
मैंने कभी हार नहीं मानी। मैं लगातार लड़ती रही। अब मुझे लगता है कि मैंने एक कलाकार के तौर पर अपनी जगह पा ली है। मुझे याद है कि 'फैशन' के टाइम प्रियंका पहले ही एक स्टार थीं और मेरे बाहरी होने के बावजूद मेरी दोस्त बन गईं और आज भी हैं। पिछले दिनों आई एक रिपोर्ट को पढ़कर मैं शॉक्ड रह गई, जिसमें लिखा था कि प्रियंका को मैरीकॉम के लिए जितने अवार्ड मिले, वह सब मैं डिजर्व करती थी। मैंने यह पढ़कर तुरन्त उसे कॉल किया और सारी बातें कीं।
भेदभाव किया जाता था
एक समय ऐसा भी था, जब मुझसे खराब व्यवहार किया जाता था और अछूत की तरह माना जाता था। मुझसे गलत तरीके से बात की जाती थी। मैं इसका कोई विरोध नहीं करती थी। यही नहीं, मेरे लहजे और मेरी ड्रेसिंग सेंस का मजाक उड़ाया जाता था। सबसे ज्यादा बुरा लगता था जब मेरे साथ पराये जैसा व्यवहार किया जाता था। सोचो, जब आप कहीं अपना नाम कमाना चाहते हैं और लोग आपको बाहरी समझते हैं, तो कितना बुरा लगता होगा! मैंने यह सब सहन किया है।
बेस्ट बर्थडे गिफ्ट था
कंगना उस समय 'तनु वेड्स मनु 2' के सेट पर शूटिंग में बिजी थीं, जब उनकी बहन रंगोली ने उन्हें बताया कि उन्होंने दूसरा नैशनल अवॉर्ड जीत लिया है। कंगना बताती हैं, 'मुझे भरोसा नहीं हो रहा था कि मेरे पिता ने मुझे कॉल किया और कहा कि यह मेरे लिए बेस्ट बर्थडे गिफ्ट है। मैं उस समय बस खुशी के मारे रो रही थी। मैं एक दिन पहले ही 28 साल की हुई थी।'