
आखिरी बार जब वह लखनऊ से मुंबई गई थीं तब फैमिली के अलावा मुश्किल से एक-दो क्लोज फ्रेंड ही उन्हें एयरपोर्ट पर सी-ऑफ करने आए थे। डेढ़ महीने बाद मंगलवार को जब वह वापस अपने शहर आईं तो उनके वेलकम के लिए फेमिली, फ्रेंड्स के अलावा मीडिया और फैंस की लंबी लाइन लगी थी।
फेमिना मिस इंडिया की सेकंड रनरअप वर्तिका सिंह की जिंदगी में भी वही बदलाव आया है, जो एक आम इनसान के सिलेब्रिटी बनने के बाद आता है।
इससे पहले जब भी वह अपने शहर आती थीं तो सबसे पहले अपने घर जाकर सुकून के पल गुजारती थीं लेकिन इस बार वर्तिका को घर जाने का मौका सबसे आखिरी में मिला। लखनऊ आते ही वह सबसे पहले सरस महोत्सव में उड़ान एनजीओ के स्टॉल पर गईं। इसके बाद इंदिरा नगर स्थित अपने ऑफिस में क्लीग्स और दोस्तों से मिली और आखिरी में उन्हें अपने घर जाने का मौका मिला।
एयरपोर्ट में दोस्तों ने किया स्वागत
लखनऊ एयरपोर्ट पर फैमिली, फ्रेंड्स के साथ मीडिया और फैंस की अच्छी खासी भीड़ मुझे रिसीव करने पहुंची थी। मेरे दोस्त गारलैंड लेकर मेरे स्वागत के लिए खड़े थे। यह देखकर मुझे वो पल याद आ गया, जब मैं डेढ़ महीने पहले लखनऊ से मिस इंडिया के लिए रवाना होने लखनऊ एयरपोर्ट आई थी। मेरे पास बस एक सूटकेस था, जिसमें कुछ कपड़े और जरूरी सामान था। मेरे पैरंट्स और कुछ फ्रेंड्स भी साथ थे लेकिन आज जब मैं लौटकर आई तो नजारा बिल्कुल बदला हुआ था।
अब जिम्मेदारी और भी ज्यादा होगी
अब मुझे इंटरनैशनल लेवल पर पार्टिसिपेट करना है। हालांकि, इसके लिए मुझे अभी किसी पर्टिकुलर टैग के बारे में नहीं बताया गया है। जैसा मुझे पता चला है कि इस बार मैं इंडिया के बाहर जाऊंगी और वहां मुझे अपने देश को रिप्रजेंट करना होगा। इसमें मेरे ऊपर जिम्मेदारी ज्यादा होगी क्योंकि वहां मुझे अपने देश की एक पॉजिटिव इमेज पेश करनी होगी।
सोचा नहीं था टॉप 3 तक जाऊंगी
जब मुंबई में इस कॉम्पिटिशन के लिए कदम रखा था, तब सोचा भी नहीं था कि मैं इतने आगे तक जा पाऊंगी। मन में यही ख्याल था कि यहां तो और भी बड़े-बड़े शहरों की एक से बढ़कर एक लड़कियां आई हैं। मेरा तो जल्द ही पैकअप हो जाएगा।
कुछ न कुछ डिफरंट करते रहना चाहिए
हेल्थ सेक्टर में होने के बाद ब्यूटी कॉम्पिटिशन में भाग लेना एक डिफरंट चॉइस थी। मुझे लगता है कि लाइफ में कुछ न कुछ डिफरंट करते रहना चाहिए। मुझे मेरे दोस्तों ने इसमें पार्टिसिपेट करने के लिए मोटिवेट किया था।
फूलों से हुआ वर्तिका का स्वागत
दोपहर तीन बजे के करीब जब वर्तिका अपने घर पहुंचीं तो वहां का माहौल काफी अलग था। मोहल्लेवाले अपने घरों से फूलों की बौछार कर रहे थे और हर घर से सिर्फ वर्तिका के नाम की आवाज आ रही थी। वर्तिका के पिता डॉ. बीएन सिंह ने बताया कि मुझे आज अपनी बिटिया पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है। सिर्फ मोहल्ले में ही नहीं बल्कि पूरे देश में उसने हमारा नाम रोशन किया है। वर्तिका की मां मंजूलता सिंह ने इस मौके पर बेटी के साथ केक काटा और उसे बधाई दी।