एक इंडियन जिसे जॉब स्विच ना करने के लिए गूगल ने दिए 305 करोड़ | Sundar Pichai

इस महीने के अंत में गूगल की I/O कॉन्फ्रेंस होगी। 28 मई से शुरू होने वाली इस कॉन्फ्रेंस में एंड्रॉइड का अलग वर्जन (एंड्रॉइड M 6.0) लॉन्च हो सकता है। एंड्रॉइड प्रोजेक्ट में एक बड़ा नाम सुंदर पिचाई का है। पिछले साल एंड्रॉइड L (एंड्रॉइड लॉलीपॉप 5.0) भी इन्होंने ही प्रेजेंट किया था।

सुंदर पिचाई जो पहले गूगल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (एंड्रॉइड, क्रोम और ऐप्स डिविजन) थे। अक्टूबर में कंपनी के नए प्रोडक्ट चीफ बन गए। सुंदर पिचाई टेक वर्ल्ड में एक बड़ा नाम हैं। एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम डेवलपमेंट में इनकी बड़ी भूमिका रही है। सुंदर पिचाई पिछले 10 सालों से गूगल में काम कर रहे हैं।  सुंदर पिचाई के बारे में कुछ बातें -

दो कमरों का था घर-
चेन्नई के दो कमरों वाले घर में रहने वाले सुंदर पिचाई के परिवार में न तो टीवी था, न टेलीफोन और न ही कार। पढ़ाई में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का फायदा सुंदर को मिला जब आईआईटी खड़गपुर में उन्हें विशेष सीट मिल गई। यहां से इंजीनियरिंग करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए उन्हें स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्कॉलरशिप मिली और अमेरिका उनका दूसरा घर बन गया। इस वक्त उनके परिवार की आर्थिक स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सुंदर की हवाई यात्रा के लिए उनके पिता को कर्ज लेना पड़ा।

गूगल से मिले 50 मिलियन डॉलर-
mensxp.com के मुताबिक, ट्विटर ने 2011 में पिचाई को जॉब ऑफर किया था, लेकिन गूगल ने उन्हें 50 मिलियन डॉलर (लगभग 3053250000 रुपए या 305 करोड़ रुपए) देकर रोक लिया।

सुंदर पिचाई एक ऐसी शख्सियत है, जिन्होंने कम समय में बहुत नाम कमाया। पिछले साल उनका प्रमोशन हुआ और उन्हें गूगल एंड्रॉइड का हेड बनाया गया। इससे उनका रोल और ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाने लगा। एंड्रॉइड, क्रोम और ऐप के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट बने पिचाई गगूल के कई महत्वपूर्ण प्रोडक्ट को इनोवेट किया है। उनको गूगल का दूसरा व्यक्ति माना जाता है। आइए, जानते हैं सुंदर पिचाई के बारे में।

जन्म -
- सुंदर पिचाई का जन्म चेन्नई में 1972 में हुआ था और अभी वे 42 साल के हैं।
- इनका असली नाम पिचाई सुंदराजन है, लेकिन उन्हें सुंदर पिचाई के नाम से जाना जाता है। 
-उन्होंने 2004 में गूगल ज्वाइन किया था। उस समय वे प्रोडक्ट और इनोवेशन अफसर थे।

पढ़ाई-
-पिचाई को पेन्सिलवानिया यूनिवर्सिटी में साइबेल स्कॉलर के नाम से जाना जाता था। 
-पिचाई ने अपनी बैचलर डिग्री आईआईटी, खड़गपुर से प्राप्त की है। उन्होंने अपने बैच में सिल्वर मेडल प्राप्त किया था। 
- US में सुंदर ने MS की पढ़ाई स्टैनडफोर्ड यूनिवर्सिटी से की और वॉर्टन यूनिवर्सिटी से MBA किया।

अमेरिका में संघर्ष
1995 में स्टैनफोर्ड पहुंचे सुंदर तंग आर्थिक स्थिति में बतौर पेइंग गेस्ट रहते थे। पैसे बचाने के लिए उन्होंने पुरानी चीजें इस्तेमाल कीं, लेकिन पढ़ाई से समझौता नहीं किया। वे पीएचडी करना चाहते थे लेकिन परिस्थितियां ऐसी बनीं कि उन्हें बतौर प्रोडक्ट मैनेजर अप्लायड मटीरियल्स (Applied Materials) इंक में नौकरी करनी पड़ी। प्रसिद्ध कंपनी मैक्किंसे (McKinsey) में बतौर कंसल्टेंट काम करने तक भी उनकी कोई पहचान नहीं थी।

गूगल ने बदला भविष्य
समय बदला और 1 अप्रैल 2004 को उन्होंने गूगल ज्वाइन किया। सुंदर का पहला प्रोजेक्ट प्रोडक्ट मैनेजमेंट और इनोवेशन शाखा में गूगल के सर्च टूलबार को बेहतर बनाकर दूसरे ब्रॉउजर के ट्रैफिक को गूगल पर लाना था। इसी दौरान उन्होंने सुझाव दिया कि गूगल को अपना ब्राउजर लॉन्च करना चाहिए। इसी एक आइडिया के कारण वे गूगल के संस्थापक लैरी पेज की नजरों में आ गए। बस, यहीं से उन्हें असली पहचान मिलनी शुरू हुई। 2008 से लेकर 2013 के दौरान सुंदर पिचाई के नेतृत्व में क्रोम ऑपरेटिंग सिस्टम की सफल लॉन्चिंग हुई और उसके बाद एंड्रॉइड मार्केट प्लेस ने उन्हें दुनियाभर में मशहूर कर दिया।

किए कई क्रिएशन
-सुंदर ने ही गूगल ड्राइव, जीमेल ऐप और गूगल वीडियो कोडेक का क्रिएशन किया है।
-उनके द्वारा बनाए गए क्रोम ओएस और एंड्रॉइड ऐप ने उन्हें गूगल के शीर्ष पर पहुंचा दिया। 
-पिछले साल एंड्रॉइड डिविजन उनके पास आया और उन्होंने गूगल के अन्य व्यवसाय को आगे बढ़ाने में भी अपना योगदान दिया। पिचाई की वजह से ही गूगल ने सैमसंग को पार्टनर बनाया।

प्रोडक्ट मैनेजर के रूप
-प्रोडक्ट मैनेजर के रूप में जब उन्होंने गूगल ज्वाइन किया था, तो इंटरनेट यूजर्स के लिए रिसर्च किया, ताकि यूजर्स जो इन्स्टॉल करना चाहते हैं, वे जल्दी इन्स्टॉल हो जाए। हालांकि, यह काम ज्यादा मजेदार नहीं था, फिर भी उन्होंने खुद को साबित करने के लिए अन्य कंपनियों से बेहतर संबंध बनाएं, ताकि टूलबार को बेहतर बनाया जाए। 
-इसके बाद उन्हें प्रोडक्ट मैनेजमेंट का डायरेक्टर बना दिया गया। 2011 में जब लैरी पेज गूगल के सीईओ बने, तो उन्होंने तुरंत पिचाई को प्रमोट करते हुए सीनियर वाइस प्रेसिडेंट बना दिया। 
-आज पिचाई पेज के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं और हमेशा उनके साथ मीटिंग में जाते हैं। 
-उन्होंने पेज के साथ वॉट्सऐप के सीईओ जैन कॉम से मुलाकात की और उन्हें इस बात के लिए राजी किया कि वे मैसेजिंग स्टार्टअप फेसबुक को न बेचें। इसी तरह उन्होंने Nest's के टोनी फैडेल (Tony Fadell) को गूगल ज्वाइन करने के लिए मनाया था।

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