मुंबई। गोरेगांव (पूर्व) के वानराई थाने के सामने 22 वर्षीय युवती को कार चालक कुचल कर चलता बना। बुधवार रात को हुए इस हादसे में युवती की मौत के बाद मानवता का भी खून हो गया। पुलिस और वहां मौजूद लोगों के बर्ताव से मानवता शर्मसार हो गई। थाने से पुलिस तब तक बाहर नहीं निकली जब तक उसे सूचना नहीं दी गई और कुचलने वाले के बारे में किसी ने भी कुछ नहीं बताया। यहां तक कि घायल लड़की की किसी ने मदद भी नहीं की।
मारी गई लड़की अर्चना किरीट पांड्या अंधेरी (पूर्व) के वर्मा नगर की रहने वाली थी। अर्चना गोरेगांव में टाटा कंसलटेंट सर्विस में काम करती थी और यह उसकी पहली नौकरी थी। सबसे दुखद बात यह है कि नौकरी मिले मात्र चार दिन ही हुए थे। पुलिस ने बताया कि दुर्घटना के समय घर लौट रही अर्चना ऑटो रिक्शा की प्रतीक्षा में खड़ी थी।
अर्चना के भाई सिद्धार्थ पांड्या ने कहा, "बुधवार की रात मुझे अर्चना के फोन से कॉल आया और एक पुलिस अधिकारी ने मुझे बताया कि मेरी बहन के साथ हाईवे पर दुर्घटना हो गई है। अधिकारी ने मुझे हाईवे के पास ट्रामा केयर अस्पताल पहुंचने के लिए कहा। मैं भागता हुआ अस्पताल पहुंचा। वहां मैंने पाया कि मेरी बहन अर्चना की मौत हो चुकी है।"
वानराई थाने के पीएसआइ किशोरी माणे ने कहा, "स्थानीय लोगों ने दुर्घटना के बारे में बताया लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। हम दुर्घटनास्थल पर पहुंचे और लड़की को ऑटो से अस्पताल पहुंचाया। किसी ने भी अस्पताल में उसे भर्ती कराने में मदद नहीं की और वह सड़क पर 15 से 20 मिनट तक पड़ी तड़पती रही। जिस आदमी ने दुर्घटना होते देखा उसने भी अपना बयान नहीं दिया। हम सीसीटीवी फुटेज पर ही आश्रित हैं।"