नई दिल्ली: पांच बार के वर्ल्ड चैंपियन विश्वनाथन आनंद की मां सुशीला विश्वनाथन का बुधवार को चेन्नई में निधन हो गया। वे 79 साल की थीं।
सुशीला विश्वनाथन को भारतीय खेल की दुनिया हमेशा याद रखेगी, क्योंकि ये सुशीला हीं थीं, जिन्होंने विश्वानाथन आनंद को शतरंज खेलने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने शतरंज के प्रति आनंद में न केवल दिलचस्पी पैदा की, बल्कि शुरुआती कोच की भूमिका भी निभाई।
सुशीला बचपन में आनंद को लेकर टूर्नामेंट आयोजन केंद्रों में जाती रहीं, ताकि आनंद को ज्यादा से ज्यादा खेलने का मौका मिल सके। भारत के पहले इंटरनेशनल मास्टर मैनुएल एरॉन ने सुशीला विश्वनाथन के बारे में कहा है, "वे हमेशा आनंद की मेंटॉर और गाइड बनी रहीं।"
सुशीला के पति के विश्वनाथन भारतीय रेलवे के अधिकारी रहे हैं। सुशीला अपने पीछे पति, एक बेटी और दो बेटों को छोड़कर गई हैं। जिस तरह से भारतीय शतरंज की कल्पना आनंद के बिना नहीं हो सकती, उसी तरह आनंद की कल्पना सुशीला के बिना नहीं हो सकती। उनके निधन पर अखिल भारतीय चेस फेडरेशन सहित भारतीय शतरंज के तमाम लोगों ने शोक जताया है।
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