अगर आपको फोटोग्राफी का शौक है और नया प्रोफेशनल कैमरा खरीदने का मना बना चुके हैं तो मार्केट में जाने से पहले अच्छी रिसर्च करना जरूरी है। मार्केट में 5 हजार से 5 लाख तक कई कैमरे मौजूद हैं, लेकिन सवाल ये है कि आपकी जरूरत के हिसाब से कौन सा फिट बैठेगा। कैमरा खरीदने के दौरान यूजर्स द्वारा की गई आम गलतियों को।
1. बहुत ज्यादा मेगापिक्सल वाला कैमरा खरीदना-
अक्सर यूजर्स को लगता है कि अगर कैमरा ज्यादा मेगापिक्सल वाला है तो फोटो क्वालिटी भी उतनी ही अच्छी होगी। ऐसा होता नहीं है। अगर आप डिजिटल कैमरा लेने जा रहे हैं तो एक बार फिर भी मेगापिक्सल के बारे में सोचे, लेकिन प्रोफेशनल कैमरा लेते वक्त मेगापिक्सल पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए।
क्यों नहीं देना चाहिए ध्यान-
मेगापिक्सल का काम फोटो साइज को बढ़ाना होता है। प्रोफेशनल कैमरा की क्वालिटी वैसे ही बहुत हाई होती है, ऐसे में अगर जरूरत से ज्यादा मेगापिक्सल काउंट होगा तो फोटो का साइज बहुत बढ़ जाएगा। ये फोटो सेव करने, इंटरनेट पर अपलोड करने या फाइल ट्रांसफर करने में बहुत समय लगता है।
2. टोटल कॉस्ट का ध्यान ना रखना-
कई बार लोग सिर्फ मेन कैमरा कॉस्ट पर ध्यान देते हैं, लेकिन बाद में एक्सेसरीज की कॉस्ट मिलकर ज्यादा हो जाती है। मेन कैमरा के साथ एक्सेसरीज की कीमत मिला दी जाए तो बजट बिगड़ना लाजमी है।
क्यों रखें ध्यान-
प्रोफेशनल कैमरा के साथ ट्रायपॉड, एडिश्नल लेंस, बैटरी, पोर्टेबल चार्जर, मेमोरी कार्ड, कैमरा केस, एक्सटर्नल फ्लैश जैसी चीजें बहुत महत्वपूर्ण होती हैं। फोटो क्वालिटी के साथ गैजेट की केयर करने के लिए भी बहुत सी चीजें खरीदनी होती हैं। ऐसे में कैमरा लेने से पहले इन सभी बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
3. सेंसर साइज पर ध्यान ना देना -
ज्यादातर यूजर्स मेगापिक्सल पर ध्यान देते हैं और सेंसर पर नहीं। बड़े सेंसर और बेहतर लेंस वाले कैमरे अच्छी फोटो क्वालिटी देते हैं। अगर सेंसर अच्छा है तो मेगापिक्सल काउंट कम होने से भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
क्यों जरूरी है सेंसर-
सेंसर का काम कैमरा से फोटो में लाइट भरना होता है। सेंसर अगर अच्छा होगा तो फोटो में बेहतर ब्राइटनेस, कलर और शार्पनेस आएगी। किसी भी कैमरा को लेने से पहले उसके मॉडल और सेंसर की जांच परख कर लें। किसी एक्सपर्ट से अपनी जरूरत के हिसाब से सलाह लें। ध्यान दें की आपको पोर्ट्रेट फोटो खींचनी है या लैंडस्केप, नेचर फोटोग्राफी करनी है या एरियल। आम तौर पर बड़े इमेज सेंसर ज्यादा बेहतर काम करते हैं। उदाहरण के तौर पर फुल फ्रेम DSLR कैमरा के लिए 36mm X 24mm इमेज सेंसर साइज होगा।
4. कम्पैटिबिलिटी चेक ना करना-
ये प्वाइंट पहला प्रोफेशनल कैमरा खरीदने वाले यूजर्स के लिए नहीं है। अगर आप थोड़ी बचत करना चाहते हैं तो कैमरा खरीदने से पहले अपने पास मौजूद कैमरा एक्सेसरीज को जांच लें। कई बार नए प्रोफेशनल कैमरा में पुरानी एक्सेसरीज इस्तेमाल की जा सकती है।
क्यों है जरूरी-
एक अच्छा प्रोफेशनल कैमरा आपको 25000-50000 तक मिलेगा। ऐसे में एक्सेसरीज की कॉस्ट मिलाकर ये और ज्यादा महंगा हो साबित हो सकता है। कई बार पुराने कैमरा लेंस, मेमोरी कार्ड, बैटरी, फ्लैश और फिल्टर आदि को रीयूज किया जा सकता है।
5. रिव्यू ना पढ़ना-
इंटरनेट पर लगभग सभी प्रोफेशनल कैमरा के रिव्यूज मिल जाते हैं। बिना रिव्यू पढ़े कोई भी महंगा गैजेट लेना गलत फैसला साबित हो सकता है।
क्यों है जरूरी-
टेक रिव्यूज पढ़ने से गैजेट की कमियां भी समझ आ जाती हैं। गैजेट रिव्यूज में कई ऐसे फीचर्स के बारे में बताया जाता है जो बाद में यूजर्स के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।