रविवार को महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपरकिंग्स ने राजस्थान रॉयल्स को 12 रन से हराकर प्लेऑफ में अपनी जगह पक्की कर ली, लेकिन धोनी के एक फैसले ने सबको सोचने पर मजबूर जरूर कर दिया। वह फैसला था मैच में मुख्य स्पिन बॉलर आर. अश्विन से बॉलिंग नहीं कराने का।
धोनी ने आर. अश्विन को बतौर बॉलर प्लेइंग इलेवन में शामिल किया, लेकिन हैरान करने वाली बात यह रही है कि उन्होंने अश्विन से बॉलिंग ही नहीं कराई। आपको बता दें, कई मौकों पर धोनी ने अश्विन से पहला ओवर भी कराया है। आखिर ऐसा क्या हुआ, जो उन्होंने अश्विन को एक ओवर देना भी उचित नहीं समझा? कहीं दोनों के बीच कुछ अनबन तो नहीं?
अश्विन के ग्राफ पर एक नजर डालें तो इस आईपीएल में उन्होंने 9 मैचों में 8 विकेट लिए हैं, जबकि उनकी इकोनॉमी रेट 6.09 है। यहां तक कि धोनी ने पवन नेगी और ड्वेन ब्रावो से 4-4 ओवर करवाए। मैच खत्म होने के बाद जब धोनी से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "यह टीम की रणनीति का ही हिस्सा था।" लेकिन उन्होंने इस सवाल का जवाब विस्तार से बताने से इनकार कर दिया।
धोनी से सवाल
यदि अश्विन से मैच में बॉलिंग नहीं करवानी थी तो धोनी ने उन्हें प्लेइंग इलेवन में क्यों शामिल किया? अश्विन विशुद्ध रूप से बॉलर हैं और ऐसे में अगर कप्तान उनसे बॉलिंग कराना उचित नहीं समझते तो उनकी जगह किसी अन्य खिलाड़ी को प्लेइंग इलेवन में रखना चाहिए, जिससे कुछ योगदान लिया जा सके।
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