घर में कैद सलमान का पूरा परिवार

मुंबई. सलमान खान के बांद्रास्‍टैंड स्थित गैलेक्‍सी अपार्टमेंट के उनके घर में सन्‍नाटा है। गुरुवार सुबह उनके पिता सलीम खान तो मॉर्निंग वॉक के लिए निकले, लेकिन कोई और सदस्‍य घर के बाहर दिखाई नहीं दिया। बुधवार रात जब सलमान दिन भर कोर्ट में रहने के बाद बेल पर घर लौटे थे, तो घर के बाहर फैन्स की काफी भीड़ थी और फिल्‍म इंडस्‍ट्री के उनके कई परिचित भी घर अाए थे लेकिन गुरुवार सुबह ऐसा कुछ नहीं दिखा। सलमान को 13 साल पुराने हिट एंड रन केस में पांच साल की सजा हुई है और उनकी जमानत अर्जी पर शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है।

परिवार में सबको लग रहा था कि सजा तो हाेगी, पर इतनी नहीं
सलीम खान के फैमिली फ्रेंड और सलमान के करीबी जयप्रकाश चौकसे बताते हैं कि फैसले से एक दिन पहले से सलमान के घर में उथल-पुथल जैसी स्थिति थी। टेंशन सभी को थी। उम्मीद थी कि सजा तो होगी, लेकिन इतनी नहीं। रात से ही कई लोग गैलेक्सी अपार्टमेंट में आने-जाने लगे थे लेकिन बुधवार सुबह सलमान के कोर्ट के लिए रवाना होने के बाद परिवार के ही बाकी सदस्य यहां रह गए। पड़ोस में ही वहीदा रहमान का घर है। वो भी आ गईं। सेशन कोर्ट का फैसला आने तक वहीदा जी सलमान की मां सलमा के साथ ही बैठी रहीं। सलमा की बहनें और सलमान के पिता सलीम साहब के रिश्तेदार भी घर पहुंच चुके थे। सलीम तो खुद को संभाल रहे थे, पर सलमा सबसे ज्यादा दुखी थीं। दोपहर को जैसे ही कोर्ट का फैसला आया, सलमा की तबीयत बिगड़ गई। वह बेहोश-सी हो गईं। ये खबर कोर्ट परिसर में मौजूद सोहेल तक पहुंची। वे तत्काल घर के लिए रवाना हुए।

2002 में जब ये घटना हुई थी, तभी से घर के लोगों को लग रहा था कि निर्णय तो खिलाफ आएगा लेकिन सबको भरोसा था कि डेढ़-दो साल से ज्यादा की सजा नहीं होगी। वह भी सस्पेंडेड। पांच साल की सजा के लिए तो कोई तैयार नहीं था। गैर इरादतन हत्या का आरोप भी बाद में जोड़ा गया।

पूरे परिवार को लग रहा है कि सलमान की सितारा हैसियत की वजह से उन्हें कड़ी सजा दी जा रही है। सलमान की छवि ही कुछ ऐसी रही है। हालांकि, उन्होंने कई अच्छे काम किए हैं और कर रहे हैं लेकिन कानून कहां इन बातों को मानता है। सलमान ने अपने दम पर अपना वजूद बनाया है। वह सुबह सेट पर आ जाता है, लेकिन कैमरे तक आने में दोपहर हो जाती है। तब तक खुद से लड़ता रहता है। अपनी 70 से 80 फीसदी आमदनी चैरिटी में लगा देता है। सलीम साहब उससे कहते रहते हैं कि 20 से 30 फीसदी खर्च करो। बाकी बुढ़ापे के लिए बचाओ। मैंने उससे एक बार कहा भी कि कभी 'गंगा-जमुना' जैसी फिल्में करने का मन नहीं करता, तो बोला- आप मेरी दुखती रग पर हाथ रख देते हैं लेकिन मेरी दुकान चल रही है, उसे ही चलने दीजिए। मुझे लोग मेरे उन कामों से याद रखेंगे जो मैं बीइंग ह्यूमन के जरिए कर रहा हूं।

खैर, सजा के बाद कई लोग यहां आए। इनमें प्रिटी जिंटा और सोनाक्षी सिन्हा भी शामिल थीं। घर के बाहर प्रशंसकों, मीडियाकर्मियों और पुलिस वालों का जमावड़ा लगा था। जब सलमान घर पहुंचे तो भीड़ बेकाबू हो गई। पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा।


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