ये हरी पत्तियां जो करेगी आपकी सेहत को दुरुस्त पढ़िए

अक्सर घर के बाग-बगीचों में लोग कई सारे पौधे घर की शोभा बढ़ाने के लिए लगाते हैं। उनमें से कई सारे पौधे और उनकी पत्तियों का इस्तेमाल खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए भी करते हैं। लेकिन इस बात से बिल्कुल अंजान होते हैं कि इन छोटे-छोटे, किचन गार्डन की शोभा बढ़ाने वाले पौधे में, सेहत के कई सारे फायदे छिपे होते हैं। इनकी पत्तियों से लेकर जड़ों तक का इस्तेमाल कई प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिया किया जाता है। तो जानते हैं कुछ ऐसी ही पत्तियों के फायदों के बारे में, ताकि खाने के स्वाद के साथ आपको गुड हेल्थ का भी तोहफा मिले।

तुलसी का पत्ता
ज्यादातर घरों में तुलसी के पत्ते को पूजा-पाठ के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसकी सबसे अच्छी बात होती है कि इसके पत्ते को सूखने के बाद भी उपयोग में लाया जा सकता है। स्वाद के साथ-साथ इसकी खुशबू भी कई प्रकार के रोगों के उपचार में कारगर है। पुराने समय से लेकर आजतक इसके इस्तेमाल की खास वजह भी इसके औषधीय गुण ही हैं। तुलसी के पत्तों को कच्चा चबाने के साथ ही इसे जूस में भी मिलाया जाता है। इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-कैंसर तत्व तनाव को भी दूर रखते हैं और पाचन क्रिया भी सही रखते हैं।

ऑरेगैनो (सूखे अजवायन की पत्ती)
अजवायन हो या सूखे अजवायन के पत्ते दोनों ही सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होते हैं। इसका कारण है इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा, जो किसी भी और हर्ब के मुकाबले इसमें सबसे ज्यादा मात्रा में पाई जाती है। इतना ही नहीं, मछ्ली में पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड्स भी अजवाइन में होता है। मैंगनीज, आयरन और विटामिन के की मात्रा सांस संबंधी, पेट के गैस जैसी कई प्रकार की समस्याओं को दूर रखता है। अजवायन या इसकी पत्तियों का इस्तेमाल सर्दी, जुकाम, बदन दर्द से राहत पाने के लिए भी किया जाता है।
Other benefits: रोजमैरी(दौनी), पार्सले(अजमोदा), धनिया, थाएम (अजवायन के फूल), पुदीना, करी पत्ता


रोजमैरी(दौनी)
रोजमैरी की पत्तियों का इस्तेमाल चाय और कई प्रकार के तेल की खुशबू बढ़ाने के लिए किया जाता है, जो शरीर को ताजगी देने के साथ ही उसे ठंडा भी रखता है। स्पा से लेकर अरोमाथेरेपी में इसका उपयोग किया जाने लगा है। शरीर को अनेक प्रकार के दर्द से छुटकारा दिलाने के साथ ही उसकी इम्यूनिटी पावर को भी बढ़ाता है जो बाहर के धूप, धूल, प्रदूषण और वातावरण से होने वाली छोटी-से-छोटी और गंभीर बीमारियों से शरीर की रक्षा करता है। बिजी लाइफस्टाइल के चलते खाने की अनदेखी, एनीमिया, ब्लड प्रेशर, अनियमित पाचन और उसमें गड़बड़ी की समस्या पैदा होने लगती है। इससे बचने के लिए रोजमैरी के पत्तों का सेवन बहुत ही कारगर होता है।

पार्सले(अजमोदा)
इसकी पत्तियों का इस्तेमाल खासतौर पर कई प्रकार की डिश को सजाने(गार्निश) के लिए किया जाता है। पार्सले में फ्लेवोनॉइड्स की भरपूर मात्रा कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से दूर रखने में सहायक होती है। साथ ही इसका तेल शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाकर उसे कई प्रकार के गंभीर रोगों से दूर रखता है। यह हेल्दी लाइफ के लिए बहुत ही जरूरी है। तो खाने को परोसने से पहले उसमें पार्सले को बारीक काटकर ऊपर से डालें या फिर इसकी सूखी पत्तियों को कुछ मात्रा ऊपर से बुरक कर डालें। जायके के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत ही लाभदायक होगा।

धनिया
किचन में धनिया के पत्ते का सबसे ज्यादा इस्तेमाल गार्निशिंग के लिए किया जाता है। खुशबू के साथ ही इसमें सेहत के लिए जरूरी कई सारे तत्व मौजूद होते हैं। आयरन की सर्वाधिक मात्रा वाला धनिया, खून की कमी को दूर करने में बहुत ही मददगार होता है। साथ ही बॉडी की इम्यूनिटी पावर को भी बढ़ाता है। विटामिन और मिनरल्स का खजाना धनिया पत्ता शरीर की आंतरिक तौर पर सफाई करता है, साथ ही त्वचा रोगों से छुटकारा पाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। पत्ते के अलावा इसके बीज का इस्तेमाल भी गार्निशिंग से लेकर स्वाद के लिए किया जाता है।

थाएम (अजवायन के फूल)
इसमें मौजूद औषधीय गुण इसकी गुणवत्ता को दुगुना करते हैं जिसका ज्यादातर इस्तेमाल मेडिकेशन के लिए किया जाता है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स और थायमॉल शरीर की अंदरूनी रूप से साफ-सफाई में कारगर हैं जिससे कई प्रकार की बीमारियां कोसों दूर रहती हैं। साथ ही इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और दिमाग के लिए जरूरी कई सारे तत्व शामिल होते हैं। इसलिए इनका सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है। थाएम की पत्तियों को फ्रेश और सूखा कर दोनों तरीकों से उपयोग में लाया जा सकता है। वैसे चाय का टेस्ट बढ़ाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।

पुदीना
मिंट और पुदीना, किचन गार्डन की शान बढ़ाने के साथ ही कई प्रकार की डिशेज और ड्रिंक्स में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसकी ताजगी भरी खुशबू और स्वाद किसी भी डिश के जायके को दुगुना कर देती है। कई प्रकार के पेट और मुंह से संबंधित बीमारियों के इलाज में पुदीने का तेल बहुत ही फायदेमंद होता है। इन छोटी-छोटी पत्तियों में विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है, साथ ही ये फाइबर और आयरन का भी खजाना होता है। बॉडी, त्वचा के साथ-साथ ये बालों के लिए भी बहुत ही उत्तम होता है। जूस के साथ ही चाय में इसकी थोड़ी सी मात्रा मिलाकर पीने से सिरदर्द और माइग्रेन जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।

करी पत्ता
करी पत्ते विटामिन ए, फाइबर और फॉलिक एसिड का बहुत ही अच्छा स्रोत होता है और बालों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले किसी भी प्रकार के तेल में इसकी पत्तियों की मात्रा मिलाकर बालों को लंबा, घना और मजबूत बनाया जा सकता है। पाचन संबंधी दिक्कत, डायबिटीज और कॉर्डियोवैस्कुलर बीमारियों को भी दूर करता है। वैसे तो सूखे पत्तों का इस्तेमाल भी खाना बनाने से लेकर बीमारियों के इलाज तक में किया जाता है, लेकिन ताजे पत्तों का इस्तेमाल ज्यादा फायदेमंद होता है।

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