बॉलीवुड के फ्लॉप किड्स की कहानी क्या आप जानते है ?

मुंबई. बॉलीवुड एक्टर आर्य बब्बर 34 साल के हो गए हैं। 24 मई 1981 को मशहूर एक्टर राज बब्बर और नादिरा बब्बर के यहां आर्य का जन्म हुआ था। आर्य ने अपना फिल्मी सफर राज कंवर की फिल्म 'अब के बरस से' शुरू किया। इसमें उनके अपोजिट अमृता राव थीं। दुर्भाग्य से बॉक्स ऑफिस पर ये फिल्म नहीं चली।

हिंदी फिल्मों के अलावा आर्य ने बंगाली और पंजाबी फिल्मों में भी अभिनय किया। आर्य बॉलीवुड में उतने कामयाब नहीं हो सके, जितने उनके पिता राज बब्बर थे। बॉलीवुड के नामचीन फिल्ममेकर मणिरत्नम, मधुर भंडारकर और विक्रम भट्ट के साथ काम करने के बाद भी उनका करियर नहीं संवर सका। आर्य ने अपने सिने करियर में 'चमकू', 'जेल', 'तीस मार खां', 'जोकर', 'जिंदगी 50-50', 'डेंजरस इश्क' जैसी फिल्मों में काम किया, लेकिन बात नहीं बनी। अपने पेरेंट्स की तरह फिल्मों में नाम नहीं कमा सके।

ईशा देओल
मदर: हेमा मालिनी
'ड्रीम गर्ल' हेमा मालिनी का नाम सामने आते ही हमारे जेहन में 'शोले' की बसंती की यादें ताजा हो जाती है। अपनी उम्दा अदाकारी और खूबसूरती के दम पर उन्होंने बॉलीवुड में काफी नाम कमाया। हेमा फिल्मों में जितनी सफल रहीं, उनकी बेटी ईशा देओल उतनी कामयाबी हासिल नहीं कर सकीं। ईशा देओल को उनकी पहली फिल्म 'कोई मेरे दिल से पूछे' के लिए फिल्मफेयर बेस्ट डेब्यू अवॉर्ड दिया गया था, लेकिन इसके बाद भी उनका करियर संवर नहीं सका। हेमा ने जहां 40 साल तक अपने अभिनय से दर्शकों को दीवाना बनाया तो ईशा का करियर लगभग 25 फिल्मों के आस-पास सिमट गया।

फरदीन खान
पिता: फिरोज खान
बॉलीवुड एक्टर फिरोज खान एक मल्टी टैलेंटेड स्टार थे। उन्होंने एक्टिंग के साथ ही डायरेक्शन और प्रोडक्शन में भी अपनी पहचान बनाई। फरदीन ने अपनी डेब्यू फिल्म 'प्रेम अगन' के लिए फिल्मफेयर बेस्ट डेब्यू अवॉर्ड जीता था। इसके बाद उन्होंने 'जंगल', 'प्यार तूने क्या किया', 'लव के लिए कुछ भी करेगा', 'ओम जय जगदीश', 'एसिड फैक्ट्री' में बतौर लीड एक्टर काम किया, लेकिन ये सभी फिल्में फ्लॉप रहीं। हालांकि, मल्टी स्टार्स के साथ उनकी कुछ फिल्में जरूर सफल रहीं।

महाअक्षय (मिमोह) चक्रवर्ती
पिता: मिथुन चक्रवर्ती
बॉलीवुड में 'डिस्को डांसर' से पहचान बनाने वाले मिथुन चक्रवर्ती की गिनती सफल हीरोज में होती है। उनका नाम डांस के मामले में माइकल जैक्सन, मोहम्मद अली के बाद तीसरे नंबर पर आता था। दूसरी तरफ मिमोह सफलता से कोसों दूर रहे। उन्होंने बॉलीवुड में 'जिम्मी' से शुरुआत की, लेकिन ये फ्लॉप रही। मिमोह ने इसके बाद कई फिल्मों में काम किया, जिनमें 'द मर्डर्र', 'हॉन्टेड-3D', 'लूट', 'एनेमी' जैसी फिल्में शामिल हैं, लेकिन ये सभी फिल्में फ्लॉप रहीं।

राहुल खन्ना
पिता: विनोद खन्ना
विनोद खन्ना के बेटे राहुल खन्ना भी सफल शुरुआत के बाद कहीं गुम हो गए। फिल्म 'अर्थ' से उन्होंने सफल शुरुआत की थी। इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट मेल डेब्यू अवॉर्ड भी मिला था, इसके बाद भी वो इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में नाकाम रहे। दूसरी तरफ विनोद खन्ना आज भी फिल्मों में अपने अभिनय से दर्शकों की तारीफ बटोर रहे हैं।

अध्ययन सुमन
पिता: शेखर सुमन
छोटे पर्दे से लेकर बड़े पर्दे तक शेखर सुमन इंडस्ट्री का बहुत बड़ा नाम है। वो आज भी टेलीविजन पर कई सुपरहिट शो दे रहे हैं। हालांकि, उनका बेटा इंडस्ट्री में अब तक अपनी पहचान नहीं बना पाया है। कहने को उनका नाम डेब्यू मूवी 'हाल-ए-दिल' के लिए फिल्मफेयर बेस्ट डेब्यूएंट अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था। फिल्मों से ज्यादा सुर्खिया उन्हें कंगना रनोट के साथ रिलेशनशिप के चलते मिली हैं।

हरमन बावेजा
पिता: हैरी बावेजा
बॉक्स ऑफिस पर जब फिल्म 'लव स्टोरी 2050' रिलीज हुई, तो हर जगह ये हेडलाइन्स थी कि ऋतिक रोशन का डुप्लीकेट आ गया। ये हेडलाइन्स हरमन बावेजा के लिए थीं, जो आर्ट डायरेक्टर और प्रोड्यूसर हैरी बावेजा के बेटे हैं। हरमन का करियर शुरू तो हुआ, लेकिन वो सफल नहीं हो सका। उन्होंने 'विक्ट्री', 'व्हाट्स योर राशि?' 'गोरी तेरे प्यार मैं', 'ढिश्क्याऊं' जैसी फिल्मों में काम किया, जो बॉक्स ऑफिस पर पिट गईं।

कुणाल गोस्वामी
पिता: मनोज कुमार
मनोज कुमार को उनकी देशभक्ति फिल्मों के लिए जाना जाता है। मनोज ने अपने करियर के दौरान कई सफल फिल्में दी हैं। इसके साथ उन्होंने कई सफल फिल्मों का डायरेक्शन भी किया। हालांकि, उनका बेटा कुणाल फिल्मी रास्ते पर फेल रहा। कुणाल ने 'घुंघरू', 'कलाकार', 'पाप की दुनिया', 'नंबरी आदमी' जैसी कुछ फिल्मों में काम किया, लेकिन ये सभी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फेल रहीं।

सुनील आनंद
पिता: देव आनंद
देव आनंद को भारतीय सिनेमा का लीजेंड कहा जाता है। उन्होंने 65 साल तक 114 फिल्मों में काम किया। फिल्मों में अभिनय के साथ उन्होंने बतौर डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी पहचान बनाई। देव साहब के बेटे सुनील आनंद पिता की तरह बॉलीवुड में किस्मत आजमाने उतरे, लेकिन वो पहचान बनाने में पूरी तरह नाकाम हो गए। देव जी ने सुनील को 1984 में 'आनंद और आनंद' से लॉन्च किया था। ये फिल्म पिता-पुत्र के संबंध पर आधारित थी, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर फेल रही। इसके बाद भी सुनील ने कई फिल्मों में काम किया, लेकिन नतीजा फ्लॉप ही रहा।

उदय चोपड़ा
पिता: यश चोपड़ा
बॉलीवुड के फेमस प्रोड्यूसर यश चोपड़ा के बेटे और अभिनेता उदय चोपड़ा ने यूं तो कई फिल्मों में काम किया, लेकिन सफलता हमेशा ही उसने दूर रही। यश चोपड़ा ने अपने करियर के दौरान 'चांदनी', 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'दिल तो पागल है', 'फना', 'चक दे! इंडिया' जैसी कई सफल फिल्मों को प्रोड्यूस किया। दूसरी तरफ उदय अपने करियर में कुछ खास नहीं कर सके। उन्होंने 'मोहब्बतें' से अपना करियर शुरू किया था। ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल भी रही, लेकिन फिल्म का क्रेडिट शाहरुख और अमिताभ को मिला। उदय ने बतौर लीड एक्टर 'मेरे यार की शादी है', 'नील एन निक्की', 'प्यार इंपोसिबल' जैसी फिल्मों में काम किया, लेकिन ये सभी फ्लॉप रहीं।

तनिषा मुखर्जी
मां: तनुजा मुखर्जी
वेटरन एक्ट्रेस तनुजा को कौन नहीं जानता। उन्होंने 'बहारें फिर आएंगी', 'ज्वैल थीफ', 'हाथी मेरे साथी' जैसी कई सुपरहिट फिल्में दीं, लेकिन उनकी बेटी तनिषा मुखर्जी अब तक बॉलीवुड में अपनी पहचान नहीं बना सकी हैं। कहने को उनकी मां के अलावा आंटी नूतन और बड़ी बहन काजोल बॉलीवुड की सफल एक्ट्रेसेस रही हैं। तनिषा ने 'Sssshhh...', 'पॉपकॉर्न खाओ! मस्त हो जाओ', 'नील एन निक्की', 'वन टू थ्री' जैसी कई फिल्में कीं, लेकिन सभी बॉक्स ऑफिस पर पिट गईं। फिल्मों से ज्यादा नाम उन्होंने टीवी शो 'बिग बॉस' से कमाया है।

रिया सेन
मां: मुन मुन सेन
मुन मुन सेन बंगाली एक्ट्रेस सुचित्रा सेन की बेटी हैं। उन्होंने अपनी खूबसूरती और एक्टिंग की दम पर कई सारी बॉलीवुड और रीजनल फिल्मों में काम किया, लेकिन उनकी बेटी रिया सेन अब तक उनके जैसा नाम नहीं कमा सकी हैं। रिया को उनके लुक और एक्टिंग के लिए जाना जाता है, इसके बाद भी वो सफल एक्ट्रेसेस नहीं मानी जातीं। रिया अब तक 'दिल विल प्यार व्यार', 'झनकार बीट्स', 'दिल ने जिसे अपना कहा', 'अपना सपना मनी मनी', 'पेइंग गेस्ट' जैसी कई चर्चित फिल्मों में काम कर चुकी हैं।

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