सेल्फी का ट्रेंड आए दिन बढ़ता ही जा रहा है इसे देखते हुए अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी ने स्मार्टफोन से ली जाने वाले सेल्फी और सेल्फ पोट्रेट पर अपने यहां नया कोर्स ही शुरू कर दिया. यूनिवर्सिटी ने मौजूदा दौर में सेल्फी और सेल्फ पोट्रेट के सांस्कृतिक महत्व और आत्म-अभिव्यक्ति के विश्लेषण के लिए यह कोर्स शुरू किया है.
खबरों के मुताबिक, 'साउदर्न कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में इसी साल से यह पाठ्यक्रम शुरू कर दिया गया है और विषय का नाम रखा गया है 'राइटिंग 150: राइटिंग एंड क्रिटिकल रीजनिंग (आइडेंटिटी एंड डाइवर्सिटी).'
इसके सहायक प्राध्यापक मार्क मैरिनो ने इस कोर्स का बचाव किया है. उन्होंने कहा, 'मेरे छात्र पढ़ेंगे कि हम एक ऐसे समय में रह रहे हैं जहां सेल्फी संचार का अहम हिस्सा बन चुका है. साथ ही इस कोर्स में यह भी पढ़ाया जाएगा कि हमारी पहचान को किस तरह लिया जा रहा है, और इसमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम अपनी पहचान को कैसे पेश कर रहे हैं.'
कोर्स के मुताबिक, 'स्टूडेंट्स को अपनी पांच तस्वीरें लेनी हैं और उनकी पृष्ठभूमि, आउटफिट, हाव-भाव और तस्वीर में दिख रहे अन्य ऑब्जेक्ट्स का विश्लेषण करना है. स्टूडेंट्स को अपनी सेल्फी का दूसरे स्टूडेंट्स और जानी-मानी हस्तियों की सेल्फी से तुलना भी करनी है.'
सेल्फी को आत्ममुग्ध अभिव्यक्ति की निशानी, जो खुद में डूबे समाज की छवि को पेश करता है, मानने वाली धारणा को खारिज करते हुए मारिनो कहते हैं कि यह हर दौर में मौजूद रहा है.
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