दिल्ली मेट्रो में एक ऐसा घोटाला सामने आया है, जिससे हर दिन लगभग एक लाख रुपये का रेवेन्यू घाटा हो रहा है. घिटोरनी स्टेशन के एग्जिट गेट पर एक मेट्रो कर्मचारी को यात्रियों से टोकन लेते और और फिर उसे बेचते रंगे हाथ पकड़ा गया. एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार मेट्रो को इस घोटाले से लाखों का घाटा हुआ है.
एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस घोटाले में घिटोरनी के स्टेशन कंट्रोलर की कथित संलिप्तता के कारण उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है और उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है. डीएमआरसी ने घाटे की जांच शुरू कर दी है. साथ ही इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या किसी अन्य स्टेशन पर भी ऐसे ही घोटाले तो नहीं हो रहे हैं.
डीएमआरसी के एक अधिकारी की मानें तो घिटोरनी स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों से टोकन को एग्जिट गेट में डालने से मना किया जाता था और उनके टोकन ले लिए जाते थे. चूंकि ये टोकन कुछ देर बाद तक भी मान्य होते हैं इसलिए बाद में इन्हें बेच दिया जाता था. इस तरह से की गई कमाई को सभी कर्मचारी आपस में बांट लेते थे.
दिल्ली मेट्रो में हो रहे इस घोटाले की खबर सबसे पहले सीआईएसएफ ने दी. सीसीटीवी फुटेज में इस बात की पुष्टि भी हो गई. आपको बता दें कि पिछले साल भी सीआईएसएफ ने डीएमआरसी के कमर्चारियों की ऐसी ही एक करतूत का खुलासा किया था, जिसमें यात्रियों से ज्यादा भाड़ा वसूला जाता था.
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