IPL-8 : पढ़िए सबसे महंगे खिलाडी की फ्लॉप कहानी

आईपीएल-8 के सबसे महंगे खिलाड़ी युवराज सिंह। 16 करोड़ के खिलाड़ी ने इस सीजन में अब तक करीब 18 के औसत से रन बनाए हैं। युवराज के फ्लॉप होने और उन्हें लगातार दूसरे साल इतनी ऊंची कीमत मिलने पर हर तरफ चर्चा है। वहीं, दिल्ली डेयरडेविल्स के सीईओ हेमंत दुआ ने कहा है कि आईपीएल के बाजार ने युवराज सिंह की 16 करोड़ रुपए की कीमत निर्धारित की और फ्रेंचाइजी 33 साल के इस स्टार की इस सीजन में असफलता के बावजूद पूरा समर्थन करती है। गौरतलब है कि युवराज ने आईपीएल-8 में 12 मैचों में 18.63 की औसत से 205 रन बनाए हैं। हालांकि, उन्होंने दो हाफ सेन्चुरी भी बनाई।

बाजार पर निर्धारित है कीमत
दिल्ली डेयरडेविल्स के सीईओ दुआ ने कहा, "हम 14 करोड़ या 16 करोड़ के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन यह सब बाजार पर निर्धारित है। युवराज ने ठीक कहा था कि उन्होंने इस कीमत के लिए नहीं कहा था। यह सब कुछ बाजार पर आधारित था।' बुच ने ये भी कहा कि वो युवराज को इससे कम कीमत पर खरीदना पसंद करते, लेकिन जब बोली लगना शुरू हुई तो वो काफी ऊपर पहुंच गई। उन्होंने कहा कि एक फ्रेंचाइजी के रूप में हम चाहते थे कि कीमत जितनी कम हो उतना अच्छा है, दूसरी फ्रेंचाइजी टीमें बोली बढ़ाती जा रही थीं।

युवराज के फॉर्म से दिक्कत नहीं
दिल्ली डेयरडेविल्स के सीईओ ने साफ किया कि टीम और फ्रेंचाइजी पूरी तरह से युवराज सिंह के साथ है। बड़ी कीमत और खराब परफॉर्मेंस की तुलना बेकार है। बार-बार कीमत के बारे में बात होती है तो खिलाड़ी पर दबाव बनता है और वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी भी एक इंसना है और किसी की भी इतनी आलोचना ठीक नहीं।

उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि जल्द ही युवराज का खराब फॉर्म पीछे छूट जाएगा। पूरी टीम उनके साथ है। उन्हें लेना हमारी कोई गलती नहीं थी। युवराज सिंह और जहीर खान जैसे सीनियर खिलाड़ियों को टीम में लेने पर दुआ ने कहा कि यदि खिलाड़ी लंबे समय तक खेलने को तैयार हैं तो हमें कोई परेशानी नहीं। खिलाड़ी का करियर उनकी फिटनेस पर निर्भर करता है। कोई खिलाड़ी कब तक खेलेगा यह उसका निजी फैसला होता है।

कभी नहीं मांगे 16 करोड़ः
आईपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी होने पर युवराज सिंह ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि उन्होंने कभी भी दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम से 16 करोड़ रुपए की मांग नहीं की। आईपीएल के शुरुआती मैचों में फ्लॉप होने के बाद विशाखापट्टनम में युवराज सिंह ने कहा था, "मैंने कभी इसके लिए (16 करोड़) नहीं कहा। ये मेरे हाथ में नहीं था। आईपीएल की नीलामी में मैं भी दूसरे खिलाड़ियों की तरह ही शामिल था। मैं आईपीएल में पैसे के लिए नहीं खेल रहा हूं। मैं कहना चाहता हूं कि पैसा नहीं, बल्कि हमेशा ही क्रिकेट मेरी प्रायोरिटी रहा है।"

आईपीएल-7 में भी थे सबसे महंगे खिलाड़ी
बता दें कि युवराज सिंह आईपीएल-7 में भी सबसे महंगे खिलाडी थे। तब उन्हें रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने 14 करोड़ रुपए में खरीदा था। अपनी कीमत के हिसाब से प्रदर्शन नहीं कर पाने के कारण युवराज की काफी आलोचना हुई थी। आईपीएल- 7 में उन्होंने 14 मैचों में 376 रन बनाए थे और मात्र पांच विकेट लिए थे।

आलोचना पढ़ने का मेरे पास नहीं है समयः
मुंबई इंडियन्स के खिलाफ हाफ सेन्चुरी बनाने के बाद जब युवराज से पूछा गया था कि क्या उनके स्कोर से आलोचकों को जवाब मिल गया होगा? इस पर युवराज ने कहा था, "मेरे पास आलोचना पढ़ने का समय नहीं है। मेरा काम क्रिकेट खेलना है। आलोचकों का काम लिखना है। मैं अपनी आलोचनाओं के बारे में नहीं पढ़ता। मैं अपने काम पर फोकस करता हूं और आप लोग अपने काम पर।"
बताया, क्यों बना सके रन

गौरतलब है कि आईपीएल 8 में युवराज की यह दूसरी हाफ सेन्चुरी थी। उन्होंने पहली हाफ सेन्चुरी किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ लगाई थी और उस मैच में उन्होंने 54 रन बनाए थे। अपनी पारी के बारे में युवराज ने कहा, "टी20 काफी छोटा फॉर्मेट है। ऐसे में, 4 या 5 नंबर पर बैटिंग करने वाले बैट्समैन को हमेशा रन बनाने में परेशानी आती है, क्योंकि आपके पास खेलने के लिए गेंदें काफी कम बचती हैं। इस नंबर पर जब आप बैटिंग करने आते हैं तो पहली ही गेंद से हिटिंग करना मजबूरी होती है। ऐसे में, कई बार गलत शॉट लग जाते हैं और बैट्समैन आउट हो जाता है। जल्दी विकेट गिरने के कारण इस मैच में मुझे बैटिंग करने के लिए कुछ अधिक समय मिल गया, जिसका मैंने फायदा उठाया।"

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