आगरा. गुजरात की सूरत पुलिस ने सोमवार को आगरा में एक फाइव स्टार होटल पर छापा मारकर एटीएम हैकर्स गैंग के 9 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। हैरानी की बात यह है कि इस एटीएम हैकर्स गैंग का सरगना एक रूसी नागरिक है जो अपने देश में बैठकर SKYPE के जरिए भारतीय बैंकों के एटीएम हैक करता था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अब तक यह एटीएम हैकर गैंग करीब 4.5 करोड़ रुपए विभिन्न एटीएम से निकाल चुका है।
कई शहरों में नेटवर्क
पुलिस के अनुसार, यह इंटरनेशनल एटीएम हैकर गैंग लखनऊ, वाराणसी और सूरत समेत कई शहरों में बैंकों को चूना लगा चुका है। हैरानी की बात यह है कि एटीएम हैकिंग के जरिए जो पैसा निकाला जाता था, उसका 60 पर्सेंट हवाला के जरिए रूस में बैठे हैकर को पहुंचा दिया जाता था। पुलिस के अनुसार, इस गैंग में कुल 15 सदस्य हैं। इनमें से 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि बाकी फरार हैं। गैंग का सरगना रूस में ही मौजूद है।
ऐसे होती थी रूस से हैकिंग
पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी सुनील सिंह ने खुलासा किया है कि गैंग रशियन हैकर से स्काइप के जरिए जुड़ा रहता था। गैंग हमेशा भीड़भाड़ वाले इलाके का ही एटीएम चुनता था। इसके लिए पहले रेकी की जाती थी। उसके बाद गैंग के करीब छह लोग एटीएम में जाकर एक नंबर और एंटर बटन एक साथ दबाते थे। इससे एटीएम की स्क्रीन पर एक खास तरह का कोड दिखता था।
एटीएम को डीकोड करके भेजता था पासवर्ड
स्काइप के जरिए रूस में बैठा गैंग का सरगना यह सब देख रहा होता था। वह वहीं से इस कोड को देखकर गैंग के सदस्यों को आगे का प्लान बताता जाता था। थोड़ी देर में ही वो एटीएम को डीकोड कर वहां से पासवर्ड भेज देता था। इस पासवर्ड को डालते ही एटीएम का कंट्रोल रशियन हैकर के पास चला जाता था। इसके बाद वह एटीएम खोल देता था। लॉक खुलते ही गैंग के सदस्य एटीएम से सारे रुपए निकाल लेते थे।
सूरत क्राइम ब्रांच में किया पर्दाफाश
लखनऊ, सूरत और मुंबई में जब एटीएम हैक होने के कई मामले सामने आए, तब सूरत क्राइम ब्रांच ने इसकी जांच शुरू की। उन्हें इस पूरे खेल में एक रशियन हैकर के होने का पता चला। इसके बाद उन्हें जानकारी मिली कि आगरा में इस गैंग के कई लोग पिछले तीन दिन से एक फाइव स्टार होटल में ठहरे हुए हैं। उन्हें सोमवार रात छापा मारकर गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में गुजरात और यूपी पुलिस के बीच मतभेद भी सामने आए। यूपी पुलिस आरोपियों से पूछताछ करना चाहती थी, लेकिन गुजरात पुलिस उन्हें सूरत ले जाने पर अड़ी थी। आखिरकार, मंगलवार दोपहर पुलिस सभी नौ आरोपियों को अपने साथ लेकर गुजरात रवाना हो गई। पुलिस ने इन्हें मीडिया से भी दूर रखा। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यह इंटरनेशनल गैंग हैं और सुरक्षा के लिहाज से गोपनीयता बरती जा रही है।
सावधान इंडिया
इस मामले में राहत की सांस लेने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जो लोग पकड़े गए हैं वो केवल एक रोबोट के तौर पर यूज किए जा रहे थे। सरगना अभी भी आजाद है। वो नए रोबोट रिक्रूट कर सकता है और एक बार फिर यही सबकुछ दोहराया जा सकता है। इसकी संभावना 100 फीसदी है। देखना रोचक होगा कि क्या भारत सरकार इस मामले में कोई कड़ा कदम उठाती है और क्या बैंक प्रबंधन इससे बचने के लिए कुछ कर पाते हैं।