नई दिल्ली। सरकार ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को राहत दी है। पिछले साल की तरह इस बार भी सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (सी-सैट) को सिर्फ क्वालिफाईंग पेपर बनाया गया है। अब प्रारंभिक परीक्षा की कटऑफ में सिर्फ सामान्य ज्ञान पेपर के अंक शामिल होंगे। सी-सैट को क्वालिफाई करने के लिए 33 फीसदी अंक लाना जरूरी होगा।
सरकार ने सी-सैट के सभी पहलुओं पर विचार के लिए एक विशेष समिति गठित करने का भी फैसला किया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के मुताबिक, ‘सरकार जब तक समिति की सिफारिशों पर कोई फैसला नहीं करती, सी-सैट सिविल सर्विसेज के प्रिलिम्स एग्जाम का हिस्सा बना रहेगा। अंग्रेजी का हिस्सा पिछली बार की तरह सी-सैट से बाहर ही रहेगा।’
सी-सैट पर हो चुका है विवाद
यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में दो पेपर होते हैं। इनमें पहला सामान्य ज्ञान और दूसरा पेपर सी-सैट का होता है। प्रीलिम्स परीक्षा पास करने के लिए दोनों पेपर के अंक जुड़ते थे। छात्रों का दावा है कि इससे मानविकी विषय और हिंदी मीडियम के छात्रों को खासी दिक्कत होती थी। छात्रों का कहना था कि सी-सैट का फायदा इंग्लिश मीडियम और साइंस के छात्रों को ही होता है। इसी को लेकर पिछले साल जुलाई में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा को लेकर खासा बवाल हुआ था और छात्र सड़कों पर उतर आए थे।
लोकसेवा परीक्षा के संबध में ये दी मंजूरी
- योग्यता, पाठ्यक्रम, योजना और लोकसेवा परीक्षा की पद्धति जैसी समय- समय पर उठाए जाने वाले विभिन्न मुद्दों की व्यापक जांच करने वाली एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा।
- उपरोक्त समिति की अनुशंसा पर फैसला करने के लिए जब तक सरकार समय लेती है, लोकसेवा (प्रारंभिक) परीक्षा में सामान्य अध्ययन पत्र-II (सीएसएटी) एक योग्यता पत्र बना रहेगा जिसमें न्यूनतम आर्हता प्राप्तांक 33 फीसदी निर्धारित होगा।
- लोकसेवा (प्रारंभिक) परीक्षा में सामान्य अध्ययन पत्र-II से अंग्रेजी भाषा बोध कौशल अंश अलग बना रहेगा।
- उपरोक्त निर्णय सीएससी नियम 2015 में समावेशित है।