आपने कभी सोचा है कि पानी की बूंद भी किसी कंप्यूटर के चलने की पहली कड़ी बन सकती है।
इस कल्पना को सच किया है स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में भारतीय मूल के शोधकर्ता मनु प्रकाश और उनके छात्रों ने।
मनु प्रकाश ने एक ऐसा अनोखा कंप्यूटर बनाया है जो पानी की बूंदों की गति के विशेष नियम पर काम करता है।
कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में मूलभूत इकाई ऑपरेटिंग क्लॉक को माना जाता है। स्मार्टफोन, इंटरनेट से लेकर हवाई जहाज के चलने तक की सभी कंप्यूटर संबंधी क्रियाएं इसी पर निर्भर होती हैं। प्रकाश और उनकी टीम ने पानी की बूंदों की गति को आधार बनाकर विशेष ऑपरेटिंग क्लॉक तैयार किया है।
उनका कहना है कि यह उन सभी गणनाओं को करने में सक्षम है, जो पारंपरिक कंप्यूटर करते हैं। हालांकि इसकी गति कम होगी। प्रकाश ने कहा कि इसका उद्देश्य पारंपरिक कंप्यूटरों से प्रतिस्पर्धा लेना नहीं है।
पानी की बूंदों की गति को फ्लूडिक कंप्यूटेशन की मदद से नियंत्रित करने की इस प्रक्रिया का जीव और रसायन विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है।
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