जबलपुर। प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी शुचिता श्रीवास्तव की कोर्ट ने सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, फिल्म अभिनेत्री माधुरी दीक्षित व प्रिटी जिंटा सहित अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग वाला कम्पलेंट केस खारिज कर दिया।
शनिवार को मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान शिकायतकर्ता जबलपुर के अधिवक्ता अमित साहू की ओर से अधिवक्ता आशीष विश्वकर्मा व जयराज दिसोरिया ने पैरवी की। उन्होंने दलील दी कि बच्चों व बड़ों के स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक टू मिनट मैगी जैसा फास्ट फूड अविलंब प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए।
कलेक्टर की जिम्मेदारी है कि वे इसकी निगरानी करें और उप संचालक खाद्य प्रतिबंध सुनिश्चित कराएं। वहीं मैगी को बनाने, बेचने व प्रमोट करने वालों पर भी कानूनी कार्रवाई की जाए। इस सिलसिले में नेस्ले कंपनी के प्रोडक्ट मैगी के निर्माताओं आदि के साथ-साथ सेलीब्रिटीज के खिलाफ भी अपराध दर्ज होना चाहिए।
खाद्य सुरक्षा अधिनियम में पुलिस हस्तक्षेप नहीं- कोर्ट ने शिकायतकर्ता का पक्ष सुनने के बाद यह टिप्पणी करते हुए कम्पलेंट केस खारिज कर दिया कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 में दी गई व्यवस्था के तहत उसके दायरे में आने वाले मामलों में पुलिस हस्तक्षेप नहीं कर सकती। लिहाजा, यह केस खारिज किया जाता है।
सोमवार को दूसरे मामले की सुनवाई
व्यवहार न्यायाधीश अजय चौहान की कोर्ट में मैगी को लेकर सिविल सूट अलग से दायर किया गया है। अधिवक्ता अमित साहू ने बताया कि इस पर सोमवार को सुनवाई होगी। उन्होंने जेएमएफसी कोर्ट से खारिज कम्पलेंट केस के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी भी शुरू कर दी है।