भोपाल. अदबी दुनिया में पहचान रखने वाले भोपाल में अब मुस्लिम महिलाएं भी जिम जाने लगी हैं। हिजाब में ही वे वर्कआउट और एरोबिक्स करती हैं। ऐसी ही महिलाओं के लिए आधुनिक जिम की सुविधा शुरू हो गई है।
कोहेफिजा में तो एक पूरा जिम ही महिलाओं के लिए है। जबकि काजी कैंप के पास नगर निगम कॉलोनी में निगम ने आधुनिक जिम शान -ए- फिटनेस तैयार करवाया है। इसमें एक तय वक्त में महिलाएं वर्कआउट करती हैं।
महिलाओं को जिम और फिटनेस की ट्रेनिंग देने के लिए यहां एक महिला ट्रेनर है। महिला ट्रेनर फरहत खान बताती हैं कि पहले खुद उन्हें जिम जाने में संकोच होता था, लेकिन लोगों का नजरिया बदल रहा है।
महिलाएं घर के काम-काज में इतनी व्यस्त होती है कि उन्हें अपने स्वास्थ्य का ध्यान ही नहीं रहता है लेकिन थोड़ा सा व्यायाम उन्हें फिर से तरोताजा कर देता है।
भाई ने किया जिम जाने के लिए प्रेरित
निगम द्वारा बनवाए गए शान -ए- फिटनेस पार्क में बीते तीन महीने से जिम जा रही शिक्षिका फरहीन बताती हैं कि व्यस्त दिनचर्या की वजह से सेहत बिगड़ रही थी। काम का तनाव और भागदौड़ से परिवार भी परेशान था। ऐसे में मेरे भाई ने उन्हें जिम जाने का सुझाव दिया। खुद उन्होंने ही एडमिशन के लिए बात की। कुछ दिन वे खुद जिम तक साथ आए। फिर मैं अकेली ही आने लगी। फरहीन बताती है कि वे अब रोजाना वर्कआउट करती है, इससे काफी फायदा हुआ। डिप्रेशन गायब हो गया अौर वे अपने आपको बेहद हल्का महसूस करती हैं।
दूसरी महिलाओं काे भी किया प्रेरित
कोहेफिजा निवासी शमीम मसूद बताती हैं कि वजन काफी बढ़ने से घुटनों में दर्द था। डॉक्टरों की सलाह के बाद जिम जाने लगी। वे हिजाब पहनकर ही जिम में एरोबिक्स करती हैं। फायदा हुआ तो अपनी कॉलोनी की 9-10 महिलाओं को भी जिम आने के लिए प्रेरित किया। अब सब साथ में जिम जाती हैं।
एक पार्क ऐसा भी जहां, सिर्फ महिलाएं ही प्रवेश कर सकती हैं
फिरदौस पार्क। बड़े और छोटे तालाब के मिलन बिंदु कमला पार्क के पास ही यह बना हुआ है। आचार्य नरेंद्र देव पुस्तकालय के पीछे। इस पार्क की खास बात यह है कि इसमें सिर्फ महिलाएं ही तफरीह कर सकती हैं। करीब तीन एकड़ के इस खूबसूरत पार्क में पुरुषों के आने पर पाबंदी है। करीब चार साल पहले पार्षद शबिस्ता सुल्तान की मांग पर तत्कालीन महापौर कृष्णा गौर ने इसका दोबारा विकास करवाया था। हालांकि सुल्तान बताती हैं कि अब निगम ने मेंटेनेंस से ध्यान हटा दिया है। सफाई बहुत कम होती है।
70 लाख रुपए की लागत
पूर्णत: वातानुकूलित वाले इस फिटनेस सेंटर में ट्रेड मिल, क्रॉस चैनल जैसे कई अत्याधुनिक उपकरण हैं। इस सेंटर को बनाने वाले पार्षद अब्दुल शफीक बताते हैं कि चार साल पहले से ही हर साल अपनी पार्षद निधि और मुख्यालय फंड से थोड़ा-थोड़ा काम कराकर इसे बनवाया। इसका संचालन नगर निगम ही कर रहा है। शुल्क 4300 रुपए सालाना है। यहां कमजोर तबके की महिलाएं भी आती हैं।
एक माह पहले ही जिम ज्वाइन किया। शुरू में घर वालों ने मना किया। फिर सिर्फ महिलाओं की जाने की बात पता चली तो तैयार हो गए।जेबी, छात्रा, कांग्रेस नगर
दर्द से परेशान थी। किसी ने सलाह दी कि जिम ज्वाइन करो। घर में बात की तो थोड़ा एतराज भी हुआ क्योंकि महिलाओं के लिए कोई जिम नहीं था और घर में बच्चों की जिम्मेदारी कैसे मैनेज होती। सभी जिम्मेदारी निभाते हुए जिम करती हूं। दर्द से भी निजात मिल गई। शादाब, गृहिणी, नगर निगम कॉलोनी
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आप सिर्फ मजहबी तकरीरों या सड़ी गली परंपराओं के नाम पर महिलाओं को उनके अधिकार से वंचित नहीं कर सकते हैं। सेहत के प्रति अब महिलाएं भी जागरूक हो रही है। यह अच्छा बदलाव है। भोपाल में और जगह ऐसी सुविधाएं दी जानी चाहिए।
नुजहत जमां, प्रोफेसर, एमएलबी कॉलेज
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