रायपुर। आशा निकेतन केंद्र की नर्स(नन)के सामूहिक दुष्कर्म कांड में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। दुष्कर्म के आरोपी नशे की गोलियां लेकर आए थे। नर्स के हाथ पांव बांधने के बाद उन्होंने उसके मुंह में नशे की तीन गोलियां ठूंसी उसके बाद मुंह में कपड़ा ठूंसकर उसका मुंह बंद कर दिया। आरोपियों ने चेहरे पर नकाब बांधा था। उनके हाथों में भी दास्ताने थे। नए खुलासे के बाद पुलिस के अफसर भी मान रहे हैं कि नन के साथ दुष्कर्म पूरी प्लानिंग के साथ किया गया है।
चोरी की नीयत से घुसने वाले चोर इस तरह प्लानिंग के साथ नहीं आते। आरोपी जितनी सफाई से आए और भाग निकले, इससे यह भी माना जा रहा है कि दुष्कर्मी अस्पताल और पूरे परिसर के चप्पे चप्पे से वाकिफ थे। नर्स भी उन्हें अच्छी तरह से पहचानती थी। वह उनका चेहरा देख न सके, इस वजह से उन्होंने अपना चेहरा छिपा लिया था। अंगुली के निशान से न पकड़े जाएं, इसलिए उन्होंने हाथों में दास्ताने पहने थे। आधी रात घुसने वाले आरोपियों का नशे की गोलियां लाना भी कई तरह के सवाल खड़ा कर रहा है।
नन ने पुलिस को बताया कि गोलियां मुंह में ठूंसने के थोड़ी देर बाद उसकी चेतना खोने लगी और वह एक तरह से बेहोश हो गई। उसके बाद की घटना उसे याद नहीं है। सुबह उसे होश आया, जब सहयोगी नर्सों ने उसे जगाया। नए खुलासे ने पुलिस को उलझन में डाल दिया है। शनिवार तक कैंपस के निर्माणाधीन भवन में काम करने वाले मजदूरों पर शक किया जा रहा था। अब तहकीकात का दायरा बढ़ा दिया गया है।
पुलिस अधीक्षक बद्री प्रसाद मीणा ने सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों की तलाश के लिए 15 टीमें लगाई गईं हैं। क्राइम ब्रांच की टीम अलग से जांच कर रही है।
अस्पताल में बिठाया पुलिस का पहरा
घटना के बाद से अस्पताल के बाहर पुलिस तैनात की गई है। दिन के अलावा रात में हथियार बंद पुलिस वालों की ड्यूटी लगाई जा रही है। घटना के बाद से अस्पताल और हॉस्टल में रहने वाली महिलाएं डर गई है। पुलिस ने अस्पताल और हॉस्टल में रहने वाले अन्य कर्मचारियों का भी बयान लिया है। दो दर्जन से ज्यादा संदिग्धों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है।
72 घंटे का अल्टीमेट
मसीही समाज के लोगों ने रविवार सुबह शहर में मौन रैली निकाली। दुष्कर्म की घटना का विरोध किया। रैली के बाद समाज के एक प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की और घटना के विरोध में ज्ञापन सौंपा। समाज ने पुलिस को 72 घंटे का अल्टीमेट दिया है। इतने समय में आरोपियों को नहीं पकड़ने पर समाज उग्र आंदोलन किया जाएगा।