जिनेवा। फीफा के एक अधिकारी ने कहा कि यदि मेजबानी की प्रक्रिया में रिश्वत के सबूत मिले तो रूस व जापान को क्रमश: 2018 और 2022 फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी से वंचित होना पड़ सकता है।
फीफा की ऑडिट कमेटी के प्रमुख डॉमिनिको स्काला ने कहा कि यदि इस बात के सबूत मिले कि रूस और कतर ने रिश्वत के जरिए मेजबानी हासिल की तो उन्हें इस मेजबानी के अधिकार से वंचित किया जा सकता है। फीफा इस समय भ्रष्टाचार के मामले में बुरी तरह उलझा हुआ है और उसके उपाध्यक्ष जैक वॉर्नर इसके केंद्रबिंदु बने हुए हैं।
स्काला ने कहा कि फीफा को अभी तक 2018 और 2022 विश्व कप की मेजबानी हासिल करने के मामले में रिश्वत दिए जाने के सबूत नहीं मिल पाए है। इस विवादास्पद मामले में पहली बार फीफा के किसी बड़े अधिकारी का बयान आया है। स्विस न्यायिक अधिकारी 2018 और 2022 के विश्व कप की मेजबानी रूस और कतर को सौंपे जाने के मामले की जांच कर रहे हैं। 2010 विश्व कप की मेजबानी दक्षिण अफ्रीका को सौंपे जाने का मामला भी उलझ चुका है।
ब्लैटर के हटने का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा
यूरोपियन फुटबॉल की संचालन संस्था यूएफा के पूर्व उपाध्यक्ष फ्रेंडी रूमो ने कहा कि सेप ब्लैटर की जगह फीफा का नया अध्यक्ष चुने जाने में महीनों लग जाएंगे। वैसे रूमो का मानना है कि नए अध्यक्ष के आने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इस भ्रष्टाचार का ब्लैटर से सीधे-सीधे कोई लेना-देना नहीं है।
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