वायरल बुखार कब होता है जब शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिए खान-पान का उचित ध्यान रखना चाहिए। अगर सेहतमंद ओर प्रोटीन युक्त खाना खाया जाए तो शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता खुद निर्मित हो जाती है। सादा, ताजा खाना ही खाएं क्योंकि हैवी फूड आसानी से पच नहीं सकते हैं। वायरल में कई लोग खाना-पीना छोड देते हैं लेकिन खाना छोडने से बीमारी और बढ सकती है इसलिए जहां तक संभव हो वायरल में खूब खाना खाएं और डिहाइडेशन से बचने के लिए खूब पानी पिएं।
मौसमी संतरा व नीबूं खाएं जिसमें विटामिन-सी और वीटा कैरोटींस होता है जिससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढती है।
पानी खूब पियें इससे डिहाइड्रेशन के अलावा शरीर पर हमला करने वाले माइक्त्रो आर्गेनिज्म को बाहर निकालने में मदद मिलती है।
वायरल बुखार में हरी और पत्तेदार सब्जियों का अधिक मात्रा में प्रयोग करें। क्योंकि हरी सब्जियों में पानी की मात्रा ज्यादा होती है जिससे डिहाइड्रेशन नहीं होता है।
वायरल फीवर होने पर ड्राई फूड खूब खाना चाहिए। ड्राई फूड में जिंक भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
अधिक मात्रा में केले और सेब का सेवन करें। इन दोनों ही में अधिक मात्रा में पोटेशियम पाई जाती है जो ऎसा इलेक्ट्रोलाइट है दस्त समाप्त होती है।
टमाटर, आलू और संतरा खाए, इनमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
लहसुन में कैल्सियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और खनिज तत्व पाए जाते हैं. इससे सर्दी, जुकाम, दर्द, सूजन और त्वचा से संबंधित बीमारिया नहीं होती हैं। लहसुन घी या तेल में तलकर चटनी के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है।
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