फरीदाबाद। ब्लेकमेलर गैंग पूरे भारत में एक्टिव हो गई है। इस गैंग की लड़कियां पहले लोगों को अपने जाल में फंसातीं हैं फिर गैंग के पुरुष साथी उसे ब्लेकमेल करते हैं।
फरवरी में एक प्रॉपर्टी डीलर ने इस मामले में सेक्टर 31 पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। डीलर ने पुलिस को बताया था कि उनके पास एक लड़की का नंबर था। रात को वह और उनका दोस्त लड़कियों के साथ घूम रहे थे। इस बीच खुद को क्राइम ब्रांच के अफसर बताने वाले तीन युवकों ने उनसे जूलरी, कैश व कार छीन ली थी। साथ घूम रही लड़की ने मामले को रफा-दफा करने के लिए 10 लाख रुपये मांगे थे। शिकायत मिलने पर पुलिस ने इस मामले में 3 लड़कियों को अरेस्ट किया था। मामले की जांच क्राइम सेक्टर 30 को सौंपी गई थी।
क्राइम ब्रांच इंचार्ज के अनुसार, युवतियों से पूछताछ के बाद आरोपियों की पहचान सोनू उर्फ सुनील, मनीष उर्फ मन्नो पाल और दौलत उर्फ अजय के तौर पर हुई। घटना के बाद से तीनों फरार थे। सोमवार शाम मुखबिर ने सूचना दी कि तीनों बुढ़ैना गांव में मौजूद हैं और किसी घटना को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं। पुलिस ने छापा मारकर तीनों को पकड़ लिया। उनके पास से लूटी हुई 1 सोने की चेन और 2 अंगूठी बरामद हुई। तीनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।
पुलिस पूछताछ में आरोपी मनीष ने खुलासा किया कि पहले वह छोटी -छोटी वारदात को अंजाम देते थे। जमानत पर जेल से छूटने के बाद उसकी मुलाकात एक महिला से हुई थी। उस महिला ने ग्राहकों को ठगने की साजिश रची। तय किया गया कि वह लोगों को लेकर पहुंचेगी और वह व उसके साथी क्राइम ब्रांच की पुलिस बनकर पहुंच जाएंगे। ग्राहक पर उनके परिजनों को बुलाने और क्राइम ब्रांच में ले जाकर बंद करने का दबाव डाला जाता था। इसके बाद महिला क्राइम ब्रांच से बात करने के नाम पर सौदेबाजी करती थी। जो भी रुपया मिलता था, आपस में बांट लिया जाता था।