काठमांडू/किडनी वैली। नेपाल के होकसे गांव को यह नाम दे दिया गया है। गांव को यह नाम क्यों दिया गया, वजह जानकार आप हैरान रह जाएंगे। इस गांव का करीब-करीब हर बाशिंदा एक अदद घर के लिए अपनी किडनी बेच चुका है। दुर्भाग्य यह है कि गांव के लोगों ने किडनी बेचकर जो आशियाना बनाया था, वह अप्रैल में आए भूकंप में तबाह हो गया।
काठमांडू से करीब 20 किलोमीटर दूर होकसे गांव के ग्रामीणों के मुताबिक तस्करों ने कभी लालच, तो कभी धोखे से उनकी किडनियां निकलवाईं। ग्रामीणों के मुताबिक इसके लिए उन्हें दक्षिण भारत के अस्पतालों में भर्ती कराया जाता था। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि किडनी फिर से उग आने की बात कहकर तस्करों ने धोखे से उनकी किडनी निकलवाई।
होकसे की 37 साल की गीता ने बताया कि वह पति के साथ भारत में किडनी निकलवाने गई थीं। इसके लिए तस्करों ने उन्हें 2 लाख नेपाली रुपये दिए। गीता के मुताबिक इन पैसों से उन्होंने गांव में जमीन खरीदकर घर बनाया, लेकिन 25 अप्रैल के भूकंप में वह तबाह हो गया। किडनी निकाले जाने से गीता और उनके पति का स्वास्थ्य में लगातार गिर रहा है।
होकसे में गीता के अलावा भी कई और लोग हैं जो इस किडनी रैकेट का शिकार बने हैं। अधिकतर की हालत दयनीय है। नेपाल में भूकंप के बाद पैसों के लालच में और लोग रैकेट का हिस्सा बन रहे हैं। नेपाल सरकार 2007 में किडनी बेचने के खिलाफ कानून बना चुकी है, लेकिन बावजूद इसके यह सिलसिला थम नहीं रहा है।
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