इस जालसाज की संपत्ति गिनते गिनते थक जाआगे

कोलकाता। ये कोई गुजरे जमाने के राजा-महाराजा नहीं हैं या बड़े उद्योगपति नहीं हैं, फिर भी इनके पास 12 राज्यों में 700 एकड़ से ज्यादा जमीन है, 23 होटेल हैं और लगभग 150 कारों का ऐसा बेड़ा है, जिनमें दर्जनभर इंपोर्टेंड लग्जरी कारें हैं। साथ ही इनके पास देश भर में 900 ब्रांच ऑफिसेज हैं, 3,078 बैंक अकाउंट्स हैं और पता नहीं क्या-क्या हैं। अगर गिनना शुरू करेंगे तो इनकी चल और अचल संपत्ति की लिस्ट इतनी लंबी निकलेगी कि पढ़ते-पढ़ते थकान होने लगेगी। ये चीजें या संपत्तियां भारत के पूर्वी इलाके की सबसे बड़ी चिटफंड कंपनी रोज वैली ग्रुप के सीएमडी या यूं कहें कि उसके मालिक गौतम कुंडू की हैं। इन सबका पता एनफोर्समेंट डिपार्टमेंट (ED) की जांच में चला है।

एनफोर्समेंट डिपार्टमेंट को रोज वैली स्कैम की जांच में कुंडू के पास बहुत सी जमीनें और दूसरे ऐसेट्स होने के बारे में पता चला है। इस जांच एजेंसी के पास मौजूदा रिकॉर्ड्स को सही मानें तो कुंडू का साम्राज्य पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार, असम, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, उड़ीसा, बिहार, असम, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, त्रिपुरा, राजस्थान, झारखंड और आंध्र प्रदेश तक फैला है।

हालांकि ईडी ने अभी उन प्रॉपर्टी का ही हिसाब किताब लगाना शुरू किया है, जिनका ब्योरा उसको मिल चुका है लेकिन जांचकर्ताओं का दावा है कि इस मामले में तो अभी उनको हाथी के पैर के तलवे जितनी संपत्ति की जानकारी मिली है। उनका दावा है कि कुंडू के पास कम से कम 1000 एकड़ जमीन हो सकती है। फिलहाल वे जमीनों में हुए कुंडू के इन्वेस्टमेंट के वेरिफिकेशन में जुटे हैं और अब तक वे लगभग 700 एकड़ जमीन के बारे में वेरिफिकेशन कर पाए हैं।

रोज वैली ग्रुप ऑफ कंपनीज ने पिछले कुछ वर्षों में लगभग 15,400 करोड़ रुपये जुटाए थे। यह रकम शारदा ग्रुप की तरफ से पश्चिम बंगाल, बिहार और उड़ीसा के लोगों से जुटाई गई रकम से कम से कम छह गुना ज्यादा है। पता चला है कि रोज वैली ग्रुप के खिलाफ आई शिकायतों की जांच कर रहे ईडी ने कंपनी के सॉफ्टवेयर और बैंक डेटा को एक्सेस कर लिया है। कंपनी के डेटा की स्टडी से पता चला है कि ग्रुप ने अपनी स्कीमों की मच्योरिटी पर सिर्फ 900 करोड़ रुपये ही वापस लौटाए थे।

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