उन्होंने सरकार से यह भी पूछा कि क्या किसी सार्वजनिक जीवन से जुड़े व्यक्ति के लिव-इन रिश्तों को सार्वजनिक करने से उसकी मानहानि होगी। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कोर्ट के इस सवाल के जवाब में कहा कि पब्लिक को सार्वजिनक जीवन से जुड़े लोगों के निजी जीवन में ताका-झांकी नही करनी चाहिए और ऐसा करना कोई जनहित का काम नहीं है।
इस मामले में याचिकाकर्ता ने मानहानि के आपराधिक कानून को खारिज किए जाने की मांग की है। इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि ऐसा करने से समाज में अराजकता की स्थिति पैदा हो जाएगी।