रायपुर। ये कोई सामान्य साइकल नहीं हैं, परंतु रॉकेट साइंस भी नहीं है। बहुत छोटा सा खर्चा और आम सड़क पर चलने वाली साइकल पानी पर चलने लग जाएगी।
दुर्ग के एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज के शिक्षक और छात्रों ने ऐसा कर दिखाया है। चलाने का कोई अनोखा तरीका भी नहीं। पैडल मारिए और साइकिल सड़क और पानी दोनों पर आगे बढ़ेगी। बेस्ट फ्रॉम वेस्ट के जरिए बनी इसकी कुल लागत एक हजार से भी कम है।
आठ खाली पीपे और कुछ वेस्ट सामान लगा
साइकिल और उस पर दो सवारी के वजन को एनॉलाइज किया तो आठ पीपे लगे। इन्हें दोनों तरफ बांधा। हैंडिल और कैरियर के बीच दो रॉड लगाई। इसमें पीपे के सेट दोनों ओर अटैच किया। बस, साइकिल तैयार।
मोडिफिकेशन भी किया गया साइकिल में
पिछले पहिए में पतवारें हैं। पानी में पतवारें पैडल मारते ही तेजी से चलती हैं और साइकिल बढ़ती है। डायनेमो से अटैच हैडलाइट भी लगी है, ताकि रात में चल सके। जरूरत पड़ने पर बैटरी से भी चला सकते हैं।
कबाड़ में पड़े सामान का कर सकते हैं उपयोग
यदि आपके घर में कुछ ऐसे सामान हो जो जरुरत में ना हो और आपने उन्हें कबाड़ में फैंक दिए हों, तो अब उन्हें फेंके नहीं। उन्हें इकट्ठा करें क्यूंकि साइकिल बनाते समय आपको इनकी जरुरत पड़ेगी।
गांव वालों की तकलीफ देखी तो आया विचार
गांव वालों की बारिश में परेशानी देखी तो ऐसा कुछ बनाने का विचार आया। खर्च पर भी ध्यान देना था। मेरे छात्र प्रतीक, एन रविकिरण, रितेश विनोद कुमार देवांगन और मयंक अग्रवाल ने साथ दिया।
पंकज अग्रवाल,
भिलाई में एक निजी इंजीनियरिंग कालेज में मैकेनिकल के एचओडी