जयपुर। शनिवार को हेमा मालिनी को अस्पताल से छुट्टी मिल गई और वो मुंबई के पहुंच गईं लेकिन दुर्घटना में अपनी बेटी खो चुके परिवार को इस बात का मलाल है कि हेमा मालिनी या उनके सहायकों ने उनका हालचाल तक नहीं पूछा। मृतक बच्ची के पिता ने कहा कि अगर हेमा के साथ ही बच्ची को भी जयपुर ले जाया जाता तो उसकी जान बच सकती थी।
मृतक बच्ची के पिता ने अपना दुख जाहिर करते हुए कहा, 'हादसे के बाद मैं होश में नहीं था लेकिन वहां मौजूद लोगों ने बताया कि मेरी बेटी वहां 10-15 मिनट तक सड़क पर ही पड़ी रही।'
गुरुवार रात हादसे के बाद पीड़ित परिवार के पांच सदस्य करीब 25 मिनट तक कार में ही फंसे पड़े रहे, बाद में पुलिस ने आकर उन्हें निकाला और दौसा अस्पताल पहुंचाया। वहां से उन्हें जयपुर के अस्पताल में रेफर किया गया।
एक परिजन ने बताया कि बच्ची की मां की हालत अभी अच्छी नहीं है, इसलिए उन्हें बच्ची की मौत के बारे में नहीं बताया गया है। वह अभी भी बेटी का घर का नाम लेकर पूछ रही हैं, चिन्नी कहां है? एक परिजन ने बताया कि बच्ची के पिता को मौत के बारे में बताया गया है, जिसके बाद वह उसे याद करके रो रहे हैं।