सेंट्रल डेस्क। जंकफूड के प्रचार अभियान मामले में प्रियंका चौपड़ा ने जिस तरह का स्टेटमेंट दिया है उससे यह स्पष्ट हो गया है कि सेलेब्रिटी होने के बावजूद वो 100% प्रोफेशनल हैं। सोशल रेस्पांसिबिलिटी जैसी कोई भावना उनके अंदर नहीं है।
आइए प्रियंका के बयानों पर विचार करते हैं
प्रियंका: वह तो जंक फूड का प्रचार करेंगी, जिसे दिक्कत हो वह खाना बंद कर दे। लोग खाना बंद कर देंगे तो हम विज्ञापन करना बंद कर देंगे।
सवाल: लोग तो और भी बहुत कुछ चाहते हैं तो क्या आप वो सबकुछ करेंगे। आप सेलेब्रिटी हैं, लोग आपको नेक इंसान मानते हैं, तो क्या आपका धर्म नहीं बनता कि भारत जैसे देश जहां अशिक्षितों की संख्या ज्यादा है। ऐसे उत्पादों का प्रचार ना करें जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।
प्रियंका: मेरे घर में लैब नहीं है, जो विज्ञापन करने से पहले हर प्रॉडक्ट की टेस्टिंग करवाऊं।
सवाल: हां, लैब आपके घर में नहीं है, लेकिन ऐसा नहीं है कि आपके शहर में भी नहीं है। ऐसा भी नहीं है कि आप अनपढ़ हैं और ऐसा भी नहीं है कि आप सक्षम नहीं हैं। किसी भी पब्लिक फिगर की यह रेस्पांसबिलिटी होती है कि वो किसी भी आयोजन में जाने से पहले और प्रॉडक्ट का विज्ञापन करने से पहले उसकी जांच कर ले। कॉमन सेंस तो सबके पास होता है प्रियंका।
प्रियंका को समझना चाहिए कि वो भारत में हैं, यहां शिक्षा का स्तर बहुत ज्यादा नहीं है और बहुत ज्यादा संख्या ऐसी है जो बॉलीवुड स्टार्स को फालो करती है। हीरो हीरोइन जिसे अच्छा बोलते हैं मान लेती है। यदि प्रियंका की सोच पूरी इंडस्ट्री पर हावी हो गई समाज का इंडस्ट्री से ही भरोसा उठ जाएगा। पब्लिक प्लेटफार्म पर उन्हें मर्यादाओं का ध्यान रखना चाहिए। पैसा तो खूब आ ही रहा है। जंकफूड के सहारे जिंदगी नहीं चल रही, फिर क्या जरूरत है, इतना हाश हुश करने की।