सरकारी अस्पताल में विधायक के कुत्ते का डायलिसि​स

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कोलकाता। राज्य के सरकारी अस्पताल एसएसकेएम में तृणमूल विधायक निर्मल मांझी ने अपने पालतू कुत्ते का डायलिसिस कराने का प्रयास किया। डॉक्टरों को यह बेगारी रास नहीं आई और उन्होंने शिकायत कर दी। बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने स्वास्थ्य सचिव मलय दे को चिट्ठी लिख वेस्ट बंगाल मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष मांझी के खिलाफ कार्रवाई करने की  मांग की।

एक माह पहले निर्मल मांझी के निर्देश पर एसएसकेएम सह कलकत्ता इंस्टीयूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (आइपीडीएमइआर) में एक कुत्ते की डायलिसिस कराने की योजना बनाई लेकिन डायलिसिस नही हो सकी।

17 जून को कुणाल साहा नामक चिकित्सक ने राज्यपाल से इसकी शिकायत कर मांझी के साथ ही आइपीडीएमइआर के अधिकारी प्रदीप मित्र व नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख राजेंद्र पांडेय के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की थी।

उन्होंने कहा था कि मांझी खुद एक डॉक्टर है लेकिन राजनीतिक प्रभाव में कुत्ते की डायलिसिस कर मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। 23 जून को रायपाल के दफ्तर से स्वास्थ्य सचिव को चिट्ठी लिखी गई थी।

उसके बाद अचानक प्रदीप मित्र को उनके पद से हटा दिया गया। -कुणाल साहा ने 18 जुलाई को मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर निर्मल मांझी के खिलाफ कार्रवाई करने और वेस्ट बंगाल मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष पद से हटाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मांझी  मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ नहीं कर सकते  है। अगर दो सप्ताह के भीतर निर्मल मांझी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वे अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

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