बीजिंग। चीन ने फिर से जंग छेड़ दी है, लेकिन इस बार किसी देश के खिलाफ नहीं बल्कि अपने ही सैनिकों के जूतों से आने वाली बदबू के खिलाफ. हरे रंग के इन जूतों के बिना सेना के जवान की कल्पना करना थोड़ा मुश्किल लगता है, लेकिन दर्शको से चीनी सैनिकों की पहचान बन चुके जूते उनकी परेशानी का सबब बन चुके हैं. इन जूतों को पहनने की वजह से सैनिकों से पैरों से पसीने की दुर्गध की समस्या बढ़ गई है. जवानों को कई तरह की बीमारियों से भी जूझना पड़ रहा है. इसी वजह से चीन ने अब इन पारंपरिक जूतों को अलविदा कहने का मन बना लिया है.पिछले साढ़े छह दशक से पैर की बदबू और पैर से संबंधित बीमारियों से जूझ रहे चीन के 23 लाख सैनिक अब पुराने जूतों की बजाए नए हल्के ‘लिबरेशन जूते’ पहनेंगे जिन्हें शोध कर डिजाइन किया गया है.
चीन की घरेलू सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले अर्द्धसैनिक बल पीपुल्स आम्र्ड पुलिस (पीएपी) को नए डिजाइन के अत्याधुनिक जूतें मुहैया कराए गए हैं. इन जूतों की खासियत यही है कि इन्हें लंबे समय तक पहनने के बावजूद भी बदबू नहीं आती है और पैरों को कई तरह की बीमारियों से भी बचाते हैं. जूते को डिजाइन में मदद करने वाले शियान डोंग का कहना है कि ये जूते बैक्टीरिया फ्री हैं और इसमें जवानों की एड़ी को अतिरिक्त सपोर्ट दी गई है.शिन्हुआ संवाद समिति ने खबर दी है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सदस्य नई तरह के इन जूतों को ज्यादा आरामदायक पा रहे हैं. सैनिकों को नए जूतों से पैर की बदबू से निजात मिलती है और इसमें पैर से संबंधित बीमारियों के कम होने का खतरा रहता है.
इसने बताया कि नए काले जूतों को जुलाई के अंत तक सभी सशस्त्र पुलिस इकाइयों को वितरित कर दिया जाएगा. पुराने जूते रबर के बने हुए हैं जिनका इस्तेमाल चीन की सेना 1950 के दशक से करती आ रही है और धीरे-धीरे इन्हें हटा दिया जाएगा.
जूता डिजाइन करने के प्रभारी सशस्त्र पुलिस अधिकारी मैन शियांगडांग ने नए जूतों को ‘बैक्टीरिया रोधी, फफूंद रोधी और बदबू रोधी’ बताया और कहा कि पहनने वालों की एड़ी को इसमें ज्यादा आराम मिलता है.
हरे रंग के मिलिट्री जूतों की जगह काले रंग के जूतों का डिजाइन तैयार करने में सेना के वैज्ञानिकों को दो साल का समय लगा. इसके बाद ही जाकर इन जूतों को तैयार किया जा सका है. उम्मीद है कि 3 सितंबर को होने वाली मिलिट्री परेड में सैनिक इन्हीं जूतों को पहनकर हिस्सा लेंगे.
हालांकि चीन की आधिकारिक न्यूज एंजेसी शिन्हुआ का कहना है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवान दक्षिणी सूडान जैसे देशों में चल रहे शांति अभियानों के दौरान यही जूते पहनेंगे.
भारत में भी द्वितीय विश्वयुद्ध के समय से चले आ रहे पीटी शूज को बदलने की तैयारी हो चुकी है. सेना ने महसूस किया है कि अब जवानों की जरूरत के हिसाब से उन्हें ब्रांडेड जूते उपलब्ध कराए जाने चाहिए. हाल ही में चीन की सेना ने कई टुकडियों में अपने फंड से जवानों को आधुनिक जूते उपलब्ध कराए हैं. इसके बाद जल्द ही सभी जवानों को ये जूते मुहैया कराए जाएंगे.