CBI, मध्य प्रदेश, व्यापमं भर्ती घोटाले

खबर के मुताबिक ये सभी फर्जी परीक्षार्थी 2009-2010 में व्यावसायिक परीक्षा मंडल की ओर से प्री-पीजी और पीएमटी मेडिकल एग्जाम में शामिल हुए. सभी ने ऑन लाइन फॉर्म में फर्जी डिटेल्स और फोटोग्राफ का प्रयोग किया. बता दें कि इस परीक्षा में हजारों स्टूडेंट शामिल रहे हैं जबकि अब तक 300 परीक्षार्थियों की पहचान हो चुकी है.
व्यापमं भर्ती घोटाला : CBI ने खंगाले छह राज्यों के 100 मेडिकल कॉलेज के रिकॉर्ड्स, 121 फर्जी परीक्षार्थी मध्य प्रदेश व्यापमं भर्ती घोटाले में नया खुलासा हुआ है. सीबीआई ने देश के छह राज्यों, दिल्ली, यूपी, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और बिहार के अलग-अलग मेडिकल कॉलेज और कोचिंग संस्थानों के तकरीबन साढ़े नौ लाख स्टूडेंट..
छह माह से जारी है जांच, ली सॉफ्टवेयर की मदद : सीबीआई के अनुसार इन 121 फर्जी परीक्षार्थियों की जानकारी हासिल करने के लिए फॉरेंसिक सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया गया. इसमें काफी मेहनत लगी क्योंकि तस्वीरों को PMT और प्री-पीजी फॉर्म्स की तस्वीरों से मिलाना आसान नहीं था. आखिरकार टीम ने साढ़े नौ लाख स्टूडेंट के बीच 121 फर्जी परीक्षार्थियों की पहचान की. सीबीआई के मुताबिक प्रश्नपत्र और ऑनलाइन ओएआर/मार्कशीट्स से हस्ताक्षर मिलाना और अंगूठे के निशान की जांच का काम केंद्रीय फ़रेंसिक साइंस की प्रयोगशाला में पूरा किया गया.
28 अब भी हैं पहुंच से बाहर: सीबीआई सूत्रों के अनुसार 121 संदेहास्पद विद्यार्थियों को पहले ही ट्रैस किया जा चुका है. सभी बीते तीन माह में पूछताछ का हिस्सा बन चुके हैं. इसमें से 73 एजेंसी के सामने पेश हो चुके हैं, और 20 से पूछताछ के बाद नोटिस भी जारी किया जा चुका है. हालांकि सीबीआई को 28 और फर्जी परीक्षार्थियों की तलाश है क्योंकि ऑनलाइन भरे गए फॉर्म में उनके द्वारा दिए गए पते पर वे नहीं मिले.
2015 में सामने आया था घोटाला : व्यापमं घोटाले का खुलासा 2013 में तब हुआ, जब पुलिस ने एमबीबीएस की भर्ती परीक्षा में बैठे कुछ फर्जी छात्रों को गिरफ्तार किया, ये छात्र दूसरे छात्रों के नाम पर परीक्षा दे रहे थे, बाद में पता चला कि प्रदेश में सालों से एक बड़ा रैकेट चल रहा है, जो फर्जीवाड़ा कर छात्रों को एमबीबीएस में इसी तरह एडमिशन दिलाता है. 2015 से व्यापमं भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है. सीबीआई संदिग्ध भूमिका वाले 402 लोगों को खोजने में भी सफल रही है, जो अब तक जांच के दायरे से बाहर रहे. इसके अलावा 170 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर चुकी है, जिनमें से 74 लोगों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है.
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