यूनिवर्सिटी में 65 साल की आयु पार करने वाले रिटायर शिक्षकों को नही पढ़ाना चाहिए:छात्र संघ

झारखंड: सरकार ने यूनिवर्सिटी शिक्षकों की नियुक्ति होने तक रिटायर्ड विवि शिक्षकों की सेवा लेने का फैसला लिया। इसका विरोध शुरू हो गया है। पीजी स्टूडेंट यूनियन के प्रेसिडेंट तनुज खत्री ने कहा कि यूनिवर्सिटी शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 साल है। इनका स्वास्थ भी ठीक नहीं रहता है। इतना ही उम्र अधिक होने के कारण स्पष्ट बोलने में भी कठिनाई होती है। इसके बाद भी क्लास लेने आते हैं, तो उन्हें स्टूडेंट्स यूनियन फूल देकर और पांव धोकर क्लास नहीं लेने का निवेदन करेंगे। वे बुधवार को पीजी छात्र संघ कार्यालय, मोरहाबादी में प्रेस से बातचीत कर रहे थे। झारखंड

तनुज ने कहा कि इस समस्या का एक मात्र समाधान रिक्त पदों पर परमानेंट शिक्षक की नियुक्ति ही है। नई नियुक्ति होती है तो शिक्षित युवाओं (नेट, बेट, पीएचडी) को अवसर भी मिलेगा। मौके पर मुख्य रुप से डॉ. शशि कपूर, अनिल यादव, संतोष तिग्गा, अजीत समेत अन्य शामिल थे। तनुज ने कहा कि राज्य गठन के बाद 17 वर्षों में सिर्फ एक बार वर्ष 2008 में नियुक्ति हुई है। इस नियुक्ति की भी सीबीआई जांच कर रही है। 

इससे पहले वर्ष 1996 में नियुक्ति हुई थी। इसके बाद भी सरकार द्वारा घंटी आधारित अनुबंध पर शिक्षकों की नियुक्ति घोषणा की है। इससे युवाओं में काफी निराशा है। नियुक्ति को लेकर वर्तमान सरकार संवेदनशील नहीं है। जब पूछा गया कि रघुवर सरकार तो दो साल पहले सत्ता में आई थी। इससे पहले सात साल तक नियुक्ति क्यों नहीं हो पाई थी। पहले बहुमत की सरकार नहीं थी, लेकिन अभी तो सरकार बहुमत की है। 
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