
अनुजा कहती हैं,टीवी शो तमन्ना से मुझे नई पहचान मिली है। यह शो मेरे लिए पूरे सीजन चैलेंजिंग रहा । टीवी पर मेरी शुरुआत बहुत अलग तरीके से हुई है। सास-बहू शो के अलावा मुझे दिलचस्प तरह के शो में काम करने का मौका मिल रहा है। राधाबाई का किरदार मेरे लिए वरदान है। राधाबाई ऐतिहासिक किरदार है। असल जिंदगी के किरदारों को निभाने पर लोग हमारी तुलना उन्हीं से करने लगते हैं। ऐसे में एक्टर होने के नाते हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। मराठी मुलगी होने के कारण राधाबाई के किरदार के प्रति मेरी जवाबदेही है।
मुझे इस किरदार के लिए घुड़सवारी सीखनी पड़ी। केवल एक फोटो के लिए मैंने यह घुड़सवारी सीखी। मुझे चोट भी लगी। लेकिन अपने जीवन में मैं कभी किसी से घबराने में विश्वास नहीं रखती हूं। हर काम को मैं सही तरीके से करना चाहती हूं, भले ही वह दो मिनट का काम हो। मुझे किसी से भी डर नहीं लगता है। शूटिंग से समय मिलने पर मैं खुद की दिलचस्पी के लिए तलवारबाजी भी सीख लेती हूं। मैं इस शो केवल डेली शो नहीं मानती हूं। बाजीराव की इस कहानी को दिखाना आज की पीढ़ी के लिए जरूरी है। यह शो पूरे परिवार के लिए है। इस शो की शुरुआती स्क्रिप्ट माता-पिता के विचारों को ध्यान में रखकर लिखा गया है।
अनुजा आगे कहती हैं, सास -बहू के शो में मेरी दिलचस्पी नहीं है। मुझे शुरुआत ही तमन्ना जैसा किरदार से हुई है। फिर मैं खुद को किसी बहू के किरदार तक सीमित नहीं कर सकती हूं। मैं उन सभी टीवी एक्ट्रेस का सम्मान करती हूं जो सास-बहू के डेली शो करते हैं। लेकिन मेरी पसंद उनसे जुदा है। मैं राधाबाई और तमन्ना जैसे किरदारों को ही हमेशा महत्व दूंगी। फिर भले ही मुझे टीवी शो में दिखने का मौका कम मिले।
सच कहूं तो मेरे माता-पिता भी राधाबाई की इस भूमिका से बेहद खुश हैं। आज तक उन्होंने मुझे कभी प्रोफेशनल करियर के लिए राय नहीं दी है। वह हमेशा मेरे फैसलों के साथ होते हैं। उन्हें मुझ पर गर्व है कि हमारी बेटी ऐसा किरदार निभा रही है, जो मराठी समाज से जुडा हुआ है, जो हमारे इतिहास से संबंध रखता है।