मरीज अपनी सुविधा अनुसार इलाज करा सकेगा: Dr. Sanjeev Sharma

Cancer,डायबिटिज, जोड़ों का दर्द, लकवा जैसी बीमारियों के लिए राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर में देशभर के मरीज इलाज करा सकेंगे। एनआईए जयपुर में देशभर से रैफर होकर आएंगे मरीज. केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय से सीधे जुड़ने वाले आयुष संस्थानों में एनआईए जयपुर समेत 7 संस्थानों को मरीज रैफर किए जा सकेंगे। आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ.राकेश पांडेय का कहना है कि आयुषपैथी को बढ़ावा देने तथा कई बीमारियों का कारगर इलाज होने से स्वास्थ्य मंत्रालय से जोड़ा गया है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी कोलकाता के निदेशक डॉ.एस.के.नंदा के अनुसार होम्योपैथी दवाओं से किडनी में स्टोन, कैंसर, पेट आर्थराइटिस का इलाज करना आसान है। 

जुड़नेवाले संस्थान : नेशनलइंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद जयपुर, आॅल इंडिया इंस्टीट्यूट आॅफ आयुर्वेद (एम्स आयुर्वेद) नई दिल्ली, इंस्टीट्यूट आॅफ पोस्ट ग्रेज्युएट टीचिंग एंड रिसर्च इन आयुर्वेद (आईपीजीटीआरए) जामनगर गुजरात, नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ यूनानी मेडिसन (एनआईयूएम) बैंगलुरू कर्नाटक, नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ सिद्धा चेन्नई, नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ होम्योपैथी (एनआईएच) कोलकाता तथा नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ नेचुरोपैथी पूणे शामिल है। 

डॉ.सी.आर.यादवने बताया कि एनआईए जयपुर पंचकर्म, क्षारसूत्र, जलोका जैसी तकनीक से इलाज के लिए देशभर में जाना जाता है। चाइल्ड मेंटल न्यूरो फीडबैक यूनिट, वैक्सीनेशन, नियोनेटल पीडियाट्रिक पंचकर्म यूनिट के अलावा जांच सुविधा उपलब्ध है। आयुर्वेद यूनिवर्सिटी जोधपुर के कुलपति डॉ.राधेश्याम शर्मा एनआईए जयपुर के निदेशक डॉ.संजीव शर्मा का कहना है कि इस व्यवस्था से मरीज अपनी इच्छा सुविधा अनुसार इलाज करा सकेगा। लेकिन नियमानुसार ही मरीज रैफर होंगे।

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