'Badrinath Ki Dulhania' को पढ़िए एक नजर

डायरेक्टर शशांक खेतान ने 'हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया' बनाने के कुछ समय बाद दुल्हनिया सीरीज की दूसरी फिल्म 'बद्रीनाथ की दुल्हनिया' लिखी और प्रोड्यूसर करण जौहर को सुनाया. करण भी इसके लिए झट से राजी हो गए.
पिछली बार 'हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया' जहां 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' के इर्द-गिर्द घूमती नजर आई थी लेकिन क्या इस बार यह फिल्म अलग छाप छोड़ने में कामयाब होगी?  

यह कहानी झांसी के रहने वाले साहूकार के बेटे बद्रीनाथ बंसल (वरुण धवन) की है जो अपने दोस्त की शादी में झांसी जाता है और वहां शादी के दौरान उसकी मुलकाता वैदेही त्रिवेदी (आलिया भट्ट) से होती है. बद्री का दिल वैदेही पर आ जाता है लेकिन वैदेही के और ही सपने हैं.

बद्री बार-बार वैदेही को अपना बनाने के लिए तरह तरह की कोशिश करता है. कहानी झांसी से कोटा और कोटा से झांसी आती-जाती रहती है. फिर मुंबई होते हुए सिंगापुर भी पहुंचती है और टिपि‍कल तरीके से खत्म होती है. 

फिल्म में लड़के-लड़की के बीच के अंतर और दहेज लेने-देने के मुद्दे की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है जो शायद आंखें खोलने का काम करे.

फिल्म के साथ छोटे शहर के भीतर होने वाली गतिविधियों के बारे में भी बातचीत की गई है जिससे काफी लोग कनेक्ट कर सकेंगे.फिल्म का डायरेक्शन अच्छा है. शहरों की खूबसूरती को शशांक ने बखूबी दर्शाया है. ड्रोन कैमरे की वजह से कुछ सीन और भी दिलचस्प लगते हैं. 

वरुण धवन ने एक उत्तर प्रदेश के लड़के का बहुत ही बढ़िया किरदार निभाया है और खासतौर पर किरदार के लहजे को सटीक पकड़ा है. वहीं आलिया भट्ट ने भी अच्छा अभिनय किया है.फिल्म के गाने रिलीज से पहले ही हिट हैं. खासतौर पर माता की चौकी, भोजपुरी बेबी डॉल जैसे फिलर गाने भी मस्ती भरे हैं. 


फिल्म की कमजोर कड़ी इसकी टि‍पिकल कहानी है. लोकेशंस के बीच में घूमती कहानी कभी भटकी हुई तो कभी खिंची हुई महसूस होती है.सिंगापुर में शराब के नशे वाले सीन, फैमिली मीटिंग के सीन, सिंगापुर पुलिस का रवैया जैसे कई बनावटी लगते हैं.फिल्म यहां निराश करती है 

फिल्म में रोमांस, इमोशन और मस्ती दिखाने की कोशिश की गई है लेकिन बहुत धीरे-धीरे बढ़ती कहानी को कसा जा सकता था.

लड़के-लड़की के बीच भेदभाव का मुद्दा भी उठाया गया है लेकिन जोरदार तरीके से इसे दिखाने में मेकर्स पूरी तरह कामयाब नहीं दिखते. फिल्म में संवाद पूरी तरह एक ही अंदाज से बोले गए हैं जिससे शायद मल्टीप्लेक्स आडियंस 100% कनेक्ट ना कर पाएं क्योंकि आजकल ज्यादातर हिंग्लिश में ही बात होती है.

करण जौहर के प्रोडक्शन की ज़्यादातर फिल्में कंट्रोल बजट में बनती हैं. इस फिल्म की लागत लगभग 47 करोड़ बताई जा रही है जिसमें 35 करोड़ फिल्म बनाने में और 12 करोड़ मार्केटिंग-प्रमोशन में लगे हैं.

फिल्म को 2200 स्क्रीन्स में रिलीज किया जा रहा है. खबरों के मुताबिक, फिल्म के सैटेलाइट राइट्स 18 करोड़ में, म्यूजिक और वीडियो 12 करोड़ में , डिजिटल राइट्स 8 करोड़ में और ओवरसीज राइट्स 4 करोड़ में दिए जा चुके हैं.

तो अगर फिल्म 70-75 करोड़ कमाती है तो कॉस्ट रिकवर कर लेगी. वहीं 80 करोड़ कमाने पर हिट और 115 करोड़ कमाई होने पर फिल्म सुपरहिट होगी.

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