
न्यायाधीश प्रतापकृृष्ण लोहरा ने आपराधिक विविध याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया और राज्य सरकार व परिवादी डीडवाना निवासी वीरेंद्र सिंह व नागपाल सिंह को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
भंसाली के वकीलों ने कहा कि अभी जिस फिल्म का ट्रेलर भी रिलीज नहीं हुआ, उसके कथानक के बारे के पहले से कैसे आरोप लगाया जा सकता है। इसके अलावा सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट दिए जाने के बाद में ही फिल्म रिलीज की जा सकती है। जबकि दूसरे पक्ष के वकीलों ने कहा कि फिल्मकारों के खिलाफ दर्ज एफआइआर पढने से ही पता चलता है कि प्रथम दृृष्टया अपराध बनता है।
फिल्म पद्मावती इतिहास को नष्ट करने का घिनौना प्रयास है। मामले का अनुसंधान जारी है, इसलिए जांच पर रोक लगाना सही नहीं होगा। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अग्रिम अनुसंधान पर रोक लगाते हुए जवाब पेश करने के निर्देश दिए।