
इंडिया टुडे कॉनक्लेव 2017 में आईं कल्कि ने कहा- मैं कभी पाकिस्तान नहीं गई थी और मैं उस देश को बस विवाद के एक पहलू के तौर पर जानती थी. वहां जाने पर मुझे उस देश का इंसानी पहलू समझ में आया. वहां के लोग भी आतंकवाद को लेकर हमारी तरह घबराए हैं.
कल्कि ने बताया कि 'आजमाइश' के लिए वह भारत में भी खूब घूमीं. उन्होंने बताया- देश को भी मैंने एक नए नजरिए से देखा. महिलाओं की स्थिति को भी समझा. कुछ चीजों ने मुझे हैरान कर रिया. पाकिस्तान में अभी वेस्टर्न इंफ्लुएंस कम है. वहां के लोग मॉडल्स को पसंद करते हैं लेकिन अपने देश की महिलाओं को मॉडलिंग करने पर उनका कहना था कि हमारे नेता उनका गला रेत देंगे.
वहीं क्रिकेट के बारे में कल्कि ने कहा कि इसे पॉजिटिव लाइट में देखा जा सकता है जो दोनों देशों को जोड़ता है. फिल्मों को लेकर भी वहां बहुत पैशन है और फिल्म ये जवानी है दीवानी को लोग जानते हैं.
बॉलीवुड और पाकिस्तान को लेकर कल्कि ने कहा- बॉलीवुड कोई NGO नहीं है जो हमारी समस्याओं के लिए स्टैंड लेगा. यह एक इंडस्ट्री और इसे बिजनेस करना है.
इस दौरान पाकिस्तान की फिल्ममेकर सबीहा सुमर की फिल्म 'आजमाइश' का वर्ल्ड प्रीमियर भी हुआ. बता दें कि इस फिल्म में कल्कि भी उनकी सहयोगी थीं और इसमें दोनों पड़ोसी देशों को कई पहलुओं से करीब से दिखाया गया है.
हालांकि तय प्रोग्राम में सबीहा को भी कार्यक्रम में शामिल होना था लेकिन ट्रैवल से जुड़ी दिक्कतों की वजह से वह आ नहीं सकीं. लेकिन उनका एक संदेश कल्कि ने सभी के लिए पढ़ा. इसमें भारत और पाकिस्तान के रिश्तों के अलावा दोनों देशों से सामाजिक और राजनीतिक माहौल के बारे में भी बात की गई थी.