
साल 1957 से तमिल, तेलुगु और हिंदी सिनेमा में सक्रिय अभिनेता और निर्देशक के विश्वनाथ को साल 2017 का दादासाहेब फाल्के पुरस्कार दिया गया है. साल 1992 में पद्म श्री और पांच बार नेशनल अवॉर्ड के विजेता के विश्वनाथ ने हिंदी सिनेमा को सरगम, संजोग, ईश्वर और संगीत जैसी हिट फ़िल्में दी हैं. उनकी फ़िल्मों की जान उनकी फ़िल्मों का संगीत भी रहता है जिसे वो करीब से जाँचते हैं क्योंकि अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत उन्होंने बतौर साउंड इंजीनियर ही की थी
उनकी नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली फ़िल्म 'संकराभरनम' में क्लासिकल और वेस्टर्न संगीत के बीच एक जंग दिखाई गई थी और इस फ़िल्म को इतनी जबर्दस्त सफलता प्राप्त हुई थी की ये फ़िल्म कई हफ़्तों तक सिनेमाघरों में चलती रही थी.
छुआछूत, दहेज, मानव श्रम जैसे मुद्दों पर उनकी फ़िल्में सिर्फ़ सोशल मैसेज नहीं देती, वो दर्शकों को रोमांचित भी करती हैं और मनोरंजन भी देती हैं.